महाराष्ट्र : 50% से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार होने ही चाहिए - संजय निरुपम
Maharashtra: There must be more than 50% Muslim candidates - Sanjay Nirupam
उद्धव के इस बयान से मुसलमानों में यह विश्वास बढ़ा है कि उद्धव की शिवसेना उनके हितों के लिए लड़ेगी और जब विधेयक को संसद में मतदान के लिए रखा जाएगा तो उद्धव के सांसद इसके खिलाफ मतदान कर सकते हैं. माना जा रहा है कि यह फैसला लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए लिया है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट को हिंदुओं और मराठी लोगों के अपेक्षित वोट नहीं मिले थे.
मुंबई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं. इस कड़ी में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उल्मा के नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग की. अब इस मांग का शिवसेना शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने समर्थन करते हुए किया उद्धव ठाकरे पर तंज कसा है.
संजय निरुपम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, "मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उल्मा के नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मिलकर यह मांग की है कि आगामी विधानसभा चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दे. मैं इस मांग का समर्थन करता हूं." मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और ज़मीयत उल्मा के नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मिलकर यह माँग की है कि आगामी विधानसभा चुनावों में उबाठा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दे। मैं इस माँग का समर्थन करता हूँ।
संजय निरुपम ने कहा, "शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवारों की सूची में 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार होने ही चाहिए, क्योंकि लोकसभा चुनावों में अगर मुस्लिम वोट नहीं देते तो शिवसेना (यूबीटी) का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाता. विधानसभा चुनावों में भी ऐसा ही होने वाला है. शिवसेना (यूबीटी) ने हिंदुत्व को तिलांजलि दे दी है और मराठी भाषिक मतदाता उनसे दूर जा चुके हैं."
बता दें शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वक्फ बोर्ड संपत्ति मामले में मुसलमानों को पूरा समर्थन देने का वादा किया है. उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वक्फ संपत्ति को कोई छू नहीं सकता. इसी के साथ उनकी पार्टी वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करेगी, ऐसा उन्होंने संकेत भी संकेत दिया है.
उद्धव के इस बयान से मुसलमानों में यह विश्वास बढ़ा है कि उद्धव की शिवसेना उनके हितों के लिए लड़ेगी और जब विधेयक को संसद में मतदान के लिए रखा जाएगा तो उद्धव के सांसद इसके खिलाफ मतदान कर सकते हैं. माना जा रहा है कि यह फैसला लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए लिया है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट को हिंदुओं और मराठी लोगों के अपेक्षित वोट नहीं मिले थे.
मुसलमानों ने महा विकास आघाड़ी और खासकर उद्धव गुट के उम्मीदवारों को एकमुश्त वोट दिए थे. उद्धव गुट के सांसदों द्वारा वक्फ बिल जैसे संवेदनशील मुद्दे का विरोध करने से अल्पसंख्यक समाज में पार्टी के प्रति नया विश्वास बढ़ेगा. अब ठाकरे ने अब वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा का समर्थन करने और वक्फ अधिनियम में संशोधन का विरोध करने का वचन दिया है.
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