मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे या समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के 10 जिलों के 390 गांवों से होकर गुजरेगा
Mumbai-Nagpur Expressway or Samruddhi Mahamarg will pass through 390 villages in 10 districts of Maharashtra
By Online Desk
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देश की आर्थिक राजधानी को जोड़ते हुए महाराष्ट्र में एक ऐसा एक्सप्रेसवे बन रहा है, जो महाराष्ट्र के अंदर ही 700 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी तय करेगा। मुंबई को नागपुर से जोड़ने वाला मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे या समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के 10 जिलों के 390 गांवों से होकर गुजरेगा। इन गांवों की तकदीर और तस्वीर दोनों इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद बदल जाएगी। आज के समय में जिस यात्रा में काफी समय लग जाता है, वो चंद घंटों में पूरा हो जाएगा।
मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी को जोड़ते हुए महाराष्ट्र में एक ऐसा एक्सप्रेसवे बन रहा है, जो महाराष्ट्र के अंदर ही 700 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी तय करेगा। मुंबई को नागपुर से जोड़ने वाला मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे या समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के 10 जिलों के 390 गांवों से होकर गुजरेगा। इन गांवों की तकदीर और तस्वीर दोनों इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद बदल जाएगी। आज के समय में जिस यात्रा में काफी समय लग जाता है, वो चंद घंटों में पूरा हो जाएगा।
समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के दस जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे नागपुर, वर्धा, अमरावती और अन्य जिलों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह नागपुर-वर्धा-अमरावती-वाशिम-बुलढाणा-जालना-औरंगाबाद-नासिक-अहमदनगर-ठाणे से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के अतिरिक्त 14 जिलों चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, गढ़चिरौली, यवतमाल, अकोला, हिंगोली, परभणी, नांदेड़, बीड, धुले, जलगांव, पालघर और रायगढ़ को भी जोड़ता है। यह देश के सबसे व्यापक ‘ग्रीनफील्ड’ मार्ग के रूप में अपनी अलग पहचान बनाएगा, जिसमें पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर देते हुए एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 11 लाख से अधिक पेड़ लगाने की योजना है।
पर्यटकों के लिए फायदा ही फायदा
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे शिरडी (5 किमी), बीबी का मकबरा (5 किमी), सुला वाइनयार्ड्स (8 किमी), त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर (14 किमी), तानसा वन्यजीव अभयारण्य (60 किमी), पेंच राष्ट्रीय उद्यान (95 किमी) और ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (124 किमी) से कनेक्टिविटी को भी बढ़ाता है।
समृद्धि महामार्ग पर कितना है स्पीड लिमिट
समृद्धि महामार्ग मार्ग को समतल और गैर-पहाड़ी इलाकों में 120 किलोमीटर प्रति घंटे और पहाड़ी इलाकों में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह गति सीमा आठ यात्री सीटों वाले वाहनों के लिए है। आठ से अधिक यात्री सीटों वाले वाहनों के लिए, अधिकतम गति सीमा समतल और गैर-पहाड़ी इलाकों में 100 किलोमीटर प्रति घंटे और पहाड़ी इलाकों में 80 किलोमीटर प्रति घंटे है। सभी भारी वाहनों को सभी इलाकों में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति बनाए रखनी होगी।
समृद्धि महामार्ग की खासियत
समृद्धि महामार्ग पर इस तरह से तैयार किया गया है कि इसपर चार हेलीपैड भी बनाए गए, जो किसी विशेष परिस्थिति में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए होगा। समृद्धि एक्सप्रेसवे पर एक साथ चार हेलीकॉप्टर उतारे जा सकेंगे। उल्लेखनीय विशेषताओं में कई सुरंगें शामिल हैं, जिनमें भारत की सबसे चौड़ी 17.5 मीटर की सुरंग और महाराष्ट्र की सबसे लंबी 8 किलोमीटर की सुरंग शामिल है, जो इगतपुरी में स्थित है। इस परियोजना में मार्ग के प्रमुख चौराहों पर रणनीतिक रूप से स्थित 18 कृषि-उन्मुख नए टाउनशिप का विकास शामिल है।
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