बॉम्बे हाई कोर्ट से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को राहत
Bombay High Court gives relief to former ICICI Bank CEO Chanda Kochhar
बॉम्बे हाई कोर्ट से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर को राहत मिली है। अदालत ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) को कोचर के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष चंदा कोचर की याचिका पर सुनवाई हुई।
मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर को राहत मिली है। अदालत ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) को कोचर के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष चंदा कोचर की याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिका में कहा गया है कि दीपक कोचर को एसएफआईओ जांच के तहत किसी भी कंपनी के निदेशक, शेयरधारक या संबद्ध नहीं होने के बावजूद तलब किया गया था। याचिकाकर्ता के वकील अमित देसाई ने दलील दी कि याचिकाकर्ता जैसे वरिष्ठ नागरिकों को केवल कार्य समय के दौरान ही बुलाया जाना चाहिए और उनसे पूछताछ की जानी चाहिए।
इस मामले की जांच के बाद एसएफआईओ का समन तीन साल के अंतराल के बाद आया है। पीठ ने आदेश दिया है कि एसएफआईओ कोचर के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करे और उनसे कोई भी पूछताछ केवल कार्यालय समय के दौरान ही होनी चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील अमित देसाई ने पीठ को बताया कि दीपक कोचर को एसएफआईओ अधिकारियों द्वारा 22 अक्टूबर को देर रात हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की गई, जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
एसएफआईओ से पहले लेनदेन की जांच ईडी और सीबीआई द्वारा की जा चुकी है। सीबीआई ने 2017 में चंदा कोचर और उनके पति के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को मंजूर किए गए कर्ज और कोचर की न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड में वेणुगोपाल धूत द्वारा 64 करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित आरोपों के संबंध में प्रारंभिक जांच शुरू की थी। 2019 में, ईडी ने भी निवेश और मुंबई के सीसीआई चैंबर में एक फ्लैट की जांच शुरू की। ईडी ने कोचर को 2020 में और बाद में सीबीआई ने उन्हें 2022 में गिरफ्तार किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उनको जमानत दे दी थी।
Comment List