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मुंबई :  यौन शोषण के आरोपी को बड़ी राहत; 25 हजार के निजी मुचलके पर आरोपी को जमानत 

  मुंबई :  यौन शोषण के आरोपी को बड़ी राहत; 25 हजार के निजी मुचलके पर आरोपी को जमानत  दिडोशी कोर्ट से यौन शोषण के आरोपी को बड़ी राहत दी है. अदालत ने 25 हजार के निजी मुचलके पर आरोपी को जमानत दे दी. बता दें कि मालवणी पुलिस ने नाबालिग लड़की से यौन शोषण मामले में साइकिल व्यापारी को गिरफ्तार किया था. रिपोर्ट के मुताबिक नई साइकिल दिलाने का लालच देकर बच्ची का यौन उत्पीड़न किया गया. परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने साइकिल व्यापारी सागर कोटक के खिलाफ मामला दर्ज किया.  
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ठाणे : जल्द दौड़ेगी पॉड टैक्सी, यातायात जाम से मिलेगी राहत...

ठाणे : जल्द दौड़ेगी पॉड टैक्सी, यातायात जाम से मिलेगी राहत... प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में बड़ौदा में पहले से ही न्युट्रॉन ईवी मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पॉड टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। गुजरात दौरे के दौरान मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया था और अब इसे ठाणे और मीरा-भाईंदर में लागू करने की योजना बनाई गई है। पूर्व में बीकेसी में तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पॉड टैक्सी का पायलट प्रोजेक्ट मंजूर किया गया था।
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बॉम्बे हाई कोर्ट से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को राहत बॉम्बे हाई कोर्ट से आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर को राहत मिली है। अदालत ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) को कोचर के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष चंदा कोचर की याचिका पर सुनवाई हुई।
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नाबालिग का पीछा यौन उत्पीड़न के बराबर... बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने नहीं दी युवक को राहत

नाबालिग का पीछा यौन उत्पीड़न के बराबर... बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने नहीं दी युवक को राहत  बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस सानप ने कहा कि नाबालिग की बेरुखी के बावजूद अपीलकर्ता ने स्कूल जाते समय उसका पीछा करना नहीं छोड़ा था। उसका आचरण और व्यवहार उसके इरादे को दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं। उसकी मंशा बिल्कुल अच्छी नहीं थी। पीड़िता का साक्ष्य यह साबित करने के लिए काफी है कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया है। पीड़िता ने बयान में अपीलकर्ता के व्यवहार और आचरण का स्पष्ट विवरण दिया है। इस तरह जस्टिस सानप ने अपील को खारिज कर दिया और युवक की सजा को कायम रखा।
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