मुंबई में 2024 में लेप्टो स्पायरोसिस के मामलों में 45% कमी; बैक्टीरिया से बचाव के लिए चोट का तुरंत इलाज जरूरी
Mumbai to reduce leptospirosis cases by 45% by 2024; prompt treatment of injuries essential to prevent bacterial infection
महानगर में 2023 की तुलना में 2024 में भले लेप्टो स्पायरोसिस के मामले कम दर्ज हुए हों, लेकिन मौतें ज्यादा रहीं। जहां 2023 में लेप्टो से एक मरीज की मौत हुई थी, वहीं 2024 में 18 लोगों की जान गई। हालांकि, इससे संक्रमण में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 2024 में कम जलजमाव, रोकथाम के लिए दवाओं का वितरण आदि के चलते संक्रमितों की संख्या कम हुई है।
मुंबई: महानगर में 2023 की तुलना में 2024 में भले लेप्टो स्पायरोसिस के मामले कम दर्ज हुए हों, लेकिन मौतें ज्यादा रहीं। जहां 2023 में लेप्टो से एक मरीज की मौत हुई थी, वहीं 2024 में 18 लोगों की जान गई। हालांकि, इससे संक्रमण में 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 2024 में कम जलजमाव, रोकथाम के लिए दवाओं का वितरण आदि के चलते संक्रमितों की संख्या कम हुई है।
कैसे होता है लेप्टो
चौपाया जानवरों जैसे- चूहा, कुत्ता, बिल्ली और अन्य मवेशियों के संक्रमित मल-मूत्र के संपर्क में आने से लेप्टो बीमारी होने का जोखिम अधिक हो जाता है। खासकर मॉनसून में खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है, क्योंकि मल-मूत्र पानी में मिल जाता है। ऐसे में, यदि जलजमाव वाले क्षेत्र से जाते हैं और पांव में चोट लगी है, तो बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में लेप्टो के मुंबई में रिकॉर्ड 1,383 मामले रिपोर्ट हुए थे, लेकिन 2024 में अक्टूबर तक 761 लोगों में बीमारी की पुष्टि हुई। आंकड़ों के अनुसार, संक्रमितों की संख्या में लगभग 45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
मुंबई का हाल
बीएमसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 2024 में जलजमाव के उतने मामले नहीं थे। जहां जलजमाव हुआ भी, तो लंबे समय तक नहीं रहा। बीएमसी ने कई जगहों पर पंप लगाकर पानी निकासी के लिए उपाय योजना भी की थी, इसलिए लोगों को अधिक समय तक जलजमाव वाले क्षेत्र से नहीं गुजरना पड़ा। वहीं, 2023 में कई जगहों पर जलजमाव भी हुआ और मॉनसून के अलावा अन्य सीजन में भी काफी मामले मिले थे, जिसके चलते मामले ज्यादा थे।
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया कि पिछले साल हमने जलजमाव वाले क्षेत्रों में 48 घंटे के भीतर लोगों को बीमारी का घर-घर जा सर्वे किया और हाई रिस्क वाले लोगों को दवा दी। इसके अलावा, कीटनाशक विभाग ने भी चूहों की रोकथाम पर काफी जोर दिया। भले 2024 में मुंबई में लेप्टो के मामले में गिरावट आई, लेकिन 18 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इस बारे में डॉ. शाह ने बताया कि मरने वालों में अधिकतर लोग काफी गंभीर होने के बाद इलाज के लिए पहुंचे। इसमें से कई अन्य बीमारियों से भी जूझ रहे थे। यदि लोगों को बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो तत्काल जांच और इलाज करवाना चाहिए।
महाराष्ट्र में 924 मामले, 21 मौतें
राज्य में अक्टूबर 2024 तक लेप्टो के 924 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 21 लोगों की मौत हुई है। कुल मामलों में से मुंबई में 761, पुणे में 59, कोल्हापुर में 11 और नागपुर में 1 केस मिला है। कुल मौत में से मुंबई में 18, कोल्हापुर में 2 और नागपुर में 1 मौत हुई है।
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