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बदलापुर के स्कूल में हुई घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार का एक्शन... ठाणे और मुंबई के शिक्षा अधिकारियों को किया सस्पेंड

बदलापुर के स्कूल में हुई घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार का एक्शन... ठाणे और मुंबई के शिक्षा अधिकारियों को किया सस्पेंड स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुंबई नगर निगम के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। कारण बताया गया है कि टेंजर प्रक्रिया चल रही है। केसरकर ने कहा, “रक्षे को बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले की समय पर जानकारी न देने के लिए निलंबित किया गया है। कंकल को बीएमसी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे न लगाने के लिए निलंबित किया गया है। मैं इस मुद्दे पर दो साल से काम कर रहा हूं, अब भी काम जारी है और कैमरे अब तक नहीं लगाए गए हैं।”
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2 साल में महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिकूल मौसम से प्रभावित किसानों को 15,000 करोड़ रुपये की सहायता दी - CM

2 साल में महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिकूल मौसम से प्रभावित किसानों को 15,000 करोड़ रुपये की सहायता दी -  CM राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत गुट) की राज्यसभा सदस्य सुनेत्रा पवार ने मंगलवार को पुणे के मोदीबाग इलाके का दौरा किया। इसी इलाके में एनसीपी (एसपी) संस्थापक शरद पवार का घर है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्होंने पति अजीत पवार के चाचा शरद से मुलाकात की है। एनसीपी पदाधिकारी सूरज चव्हाण ने कहा कि सुनेत्रा पवार आज उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की बहन से मिलने मोदीबाग गईं। मोदीबाग पुणे की सबसे प्रतिष्ठित आवासीय परियोजनाओं में से एक है।
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महाराष्ट्र सरकार ने पेश किया एंटी पेपर लीक बिल... अधिकतम 10 साल की सजा, 1 करोड़ का जुर्माना

महाराष्ट्र सरकार ने पेश किया एंटी पेपर लीक बिल... अधिकतम 10 साल की सजा, 1 करोड़ का जुर्माना पेपर लीक को लेकर मचे घमासान के बीच महाराष्ट्र सरकार ने राज्य सरकार की परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के लिए एंटी पेपर लीक बिल विधानसभा में पेश किया है। राज्य सरकार ने पेपर लीक रोकने के 10 साल तक जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है।
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हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को लगाई फटकार, शहीद मेजर की विधवा को नहीं मिले पूर्व सैनिक नीति के तहत फायदे...

हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को लगाई फटकार, शहीद मेजर की विधवा को नहीं मिले पूर्व सैनिक नीति के तहत फायदे... पीठ ने कहा कि 'क्योंकि ये विशेष मामला है, इसलिए हमने राज्य की सर्वोच्च अथॉरिटी (मुख्यमंत्री) को भी इस मामले पर प्राथमिकता से विचार करने और उचित फैसला लेने को कहा था। उन्हें इस पर फैसला लेना चाहिए था। अगर उन्होंने फैसला नहीं किया है तो हमें बताएं फिर हम इस मामले को देखेंगे कि क्या करना है।' हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 17 अप्रैल तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 'इसके बाद वे मामले से अपने हिसाब से निपटेंगे।' 
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