विधानसभा चुनाव : आदित्य ठाकरे के सामने मिलिंद देवड़ा...

Assembly elections: Milind Deora against Aditya Thackeray...

विधानसभा चुनाव  : आदित्य ठाकरे के सामने मिलिंद देवड़ा...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान किया जाएगा. मतगणना 23 नवंबर को होगी. इसके बाद चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. इससे पहले 2014 के चुनाव में, भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल की थीं.

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र चुनाव में इस बार शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई ने ठाकरे परिवार के उत्तराधिकारी आदित्य ठाकरे के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने विधानसभा चुनाव के लिए आदित्य ठाकरे को उनकी वर्ली सीट पर ही पूरी तरह से घेरने की कोशिश की है. शिंदे सेना ने इस सीट पर पूर्व कांग्रेसी दिग्गज और मौजूदा राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतार दिया है.

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने उसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए गुरुवार को ही अपना नामांकन दाखिल किया है. शिवसेना के दो गुटों के नेताओं मिलिंद देवड़ा और आदित्य ठाकरे को वर्ली सीट पर राज्य की तीसरी सेना यानी राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उम्मीदवार संदीप देशपांडे से भी निपटना होगा. 

मिलिंद देवड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर वर्ली से टिकट देने के लिए सीएम शिंदे का आभार जताया. उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री शिंदे का मानना ​​है कि वर्ली और वर्लीकर के लिए काफ़ी समय से न्याय लंबित है. हम साथ मिलकर आगे का रास्ता तैयार कर रहे हैं और जल्द ही अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे. अब वर्ली की बारी है!

इस साल की शुरुआत में कांग्रेस छोड़कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए मिलिंद देवड़ा वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. वह दक्षिण मुंबई सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं. मिलिंद देवड़ा को लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान वर्ली को संभालने का काम सौंपा गया था. आदित्य ठाकरे का निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद, वर्ली विधानसभा में शिवसेना (यूबीटी) को मात्र 6500 वोटों की बढ़त मिली थी. वहीं, इस बार आदित्य के लिए चुनौती और ज्यादा बढ़ गई है.

सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का मानना ​​है कि मिलिंद देवड़ा वर्ली में प्रभाव जमा सकते हैं. वह क्षेत्र के मध्यम वर्ग के मराठी, मछुआरों और निर्वाचन क्षेत्र में रहने वाले संपन्न लोगों के समूह को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं. आदित्य ठाकरे के खिलाफ अपनी पार्टी का उम्मीदवार के तौर पर शिंदे ने देवड़ा के अलावा, मराठी अभिनेता सुशांत शेलार और भाजपा प्रवक्ता शाइना एनसी जैसे कई और नामों पर भी विचार किया था. 

महाराष्ट्र में माना जाता है कि दक्षिण मुंबई के गिरगांव में शिवसेना नेता और एमवीए सरकार में तत्कालीन मंत्री आदित्य ठाकरे की रैली के कारण ही गांधी परिवार के पारिवारिक मित्र मिलिंद देवड़ा को जनवरी 2024 में कांग्रेस छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद राज्य में चर्चा तेज हो गई थी कि मिलिंद देवड़ा ने पेन (व्यक्तिगत हमले, अन्याय और नकारात्मकता) की राजनीति के बजाय गेन (विकास, आकांक्षा, समावेशिता और राष्ट्रवाद) की राजनीति करने पर ध्यान अपना लगाया था.

वर्ली विधानसभा सीट से दूसरी बार अपना नामांकन दाखिल करने के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा था कि उन्हें पूरा भरोसा है कि जनता उन्हें आशीर्वाद देगी. उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि जनता मुझे आशीर्वाद देगी, क्योंकि हम महाराष्ट्र में सरकार बनाने जा रहे हैं और यह पक्का है. जैसा कि आप देख सकते हैं, यह माहौल बहुत अच्छा है, आप देख सकते हैं कि लोग मुझे कितना प्यार दे रहे हैं और इसी के साथ मैं अपना नामांकन दाखिल कर रहा हूं." 

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली से मौजूदा विधायक हैं और 2019 में उन्होंने यहीं से जीत दर्ज की थी. शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत ने भी वर्ली सीट से आदित्य ठाकरे की जीत पर भरोसा जताया. सावंत ने कहा, "उनका (आदित्य ठाकरे) नाम नया नहीं है. पूरा महाराष्ट्र उन्हें जानता है और उन्हें पूरे देश और यहां तक ​​कि विदेशों में भी जाना जाता है. उनके द्वारा किए गए काम इतने महत्वपूर्ण हैं कि हर कोई उनकी तारीफ करता है और वे लोगों के दिलों में हैं."

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी महा विकास अघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी) , NCP (शरद पवार गुट) और कांग्रेस शामिल हैं. वहीं, भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा है. दोनों गठबंधनों ने राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए आगामी चुनावों के लिए अपनी तैयारियों के साथ ही जीत का दावा किया है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चरण में 20 नवंबर को सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान किया जाएगा. मतगणना 23 नवंबर को होगी. इसके बाद चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे. महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं. इससे पहले 2014 के चुनाव में, भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल की थीं.

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