मेट्रो-6 के कारशेड पर फिर विवाद, एमएमआरडीए की ओर से हो रहा सर्वे क्यों रुका...
Controversy again on the car shed of Metro-6, why the survey being done by MMRDA stopped...
2.jpg)
ट्रो-4 कॉरिडोर 50 फीसदी तैयार है। वहीं, मेट्रो-5 के पहले चरण का काम 70 फीसदी और मेट्रो-6 का 66 फीसदी काम हो चुका है, लेकिन तीनों कॉरिडोर में से किसी भी कॉरिडोर को अब तक कारशेड की जमीन नहीं मिल पाई है। ऐसे में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी मुंबई को अगली मेट्रो कब मिलेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे, तब वह कोलाबा-बांद्रा-सिप्ज के बीच बन रहे मेट्रो-3 कॉरिडोर का कारशेड आरे में बनवाना चाहते थे।
मुंबई: लंबे विवाद के बाद मेट्रो-6 कॉरिडोर को मिली कारशेड की जमीन एक बार फिर विवादों में आ गई है। कांजुरमार्ग में कारशेड के लिए मिली करीब 15 हेक्टेयर जमीन पर सॉल्ट पैन विभाग के अधिकारी ने सर्वे का काम रोक दिया है। सर्वे का काम रुकने से एक बार फिर करीब 66 फीसदी तैयार हो चुके मेट्रो कॉरिडोर के कारशेड का काम शुरू होने से पहले ही ठप हो गया है। सॉल्ट पैन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, उनके विभाग की जमीन पर कोई कैसे सर्वे कर सकता है, इसलिए उनकी ओर से दूसरे विभाग द्वारा किए जा रहे सर्वे का रोक दिया गए है।
बता दें कि सॉल्ट पैन विभाग केंद्र सरकार के अधीन आता है, वहीं कांजुरमार्ग में सर्वे का काम राज्य सरकार के अधीन आने वाले मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) की ओर से हो रहा था। स्वामी समर्थ नगर से विक्रोली के बीच बने रहे मेट्रो- 6 कॉरिडोर के कारशेड निर्माण के लिए कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार की ओर से एमएमआरडीए को कांजुरमार्ग में जमीन दी गई थी।
मेट्रो-4 कॉरिडोर 50 फीसदी तैयार है। वहीं, मेट्रो-5 के पहले चरण का काम 70 फीसदी और मेट्रो-6 का 66 फीसदी काम हो चुका है, लेकिन तीनों कॉरिडोर में से किसी भी कॉरिडोर को अब तक कारशेड की जमीन नहीं मिल पाई है। ऐसे में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी मुंबई को अगली मेट्रो कब मिलेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे, तब वह कोलाबा-बांद्रा-सिप्ज के बीच बन रहे मेट्रो-3 कॉरिडोर का कारशेड आरे में बनवाना चाहते थे।
इसके लिए फडणवीस ने एक रात में आरे में सैकड़ों पेड़ों को कटवा दिया था। सत्ता की बागडोर उद्धव ठाकरे के हाथ में आने के बाद उद्धव ने आरे में किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाते हुए आरे को जंगल क्षेत्र घोषित कर दिया था। आरे के बजाए मेट्रो-3 कॉरिडोर का कारशेड कांजुरमार्ग में बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए कांजुरमार्ग में करीब 102 एकड़ जमीन का चयन किया गया था।
ठाकरे सरकार कांजुरमार्ग में सिर्फ मेट्रो 3 का ही नहीं, बल्कि मेट्रो 4 और मेट्रो 6 का भी कारशेड तैयार करने की योजना पर काम कर रही थी, लेकिन कांजुरमार्ग की इस जगह का मालिकाना हक को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के विवाद के चलते कारशेड का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। वहीं राज्य में शिंदे-फडणवीस की सरकार आने पर उन्होंने सबसे पहले ठाकरे के फैसले को पलटते हुए, आरे में मेट्रो-3 के कारशेड का कारशेड का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। वहीं मेट्रो-6 के कारशेड के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं होने की वजह से कुछ दिन पहले ही कांजुरमार्ग में केवल एक कॉरिडोर का कारशेड बनाने का फैसला हुआ था।
Today's E Newspaper
Related Posts
Post Comment
Latest News
.jpg)
Comment List