लंबे इंतजार के बाद आ गया फैसलाआज... बच गई महाराष्ट्र की शिंदे सरकार! विधायकों की अयोग्यता पर हम फैसला नहीं लेंगे - सुप्रीम कोर्ट

The decision came after a long wait... Shinde government of Maharashtra was saved! We will not take decision on disqualification of MLAs - Supreme Court

लंबे इंतजार के बाद आ गया फैसलाआज...  बच गई महाराष्ट्र की शिंदे सरकार! विधायकों की अयोग्यता पर हम फैसला नहीं लेंगे - सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र राजनीतिक संकट मामले को लेकर फैसला आ गया है. फैसले के बाद शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि वह विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लेगा. इसके लिए स्पीकर को जल्द फैसला लेने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया, ऐसे में उनको बहाल नहीं किया जा सकता है.  सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि व्हिप को पार्टी से अलग करना लोकतंत्र के हिसाब से सही नहीं होगा.

महाराष्ट्र : लंबे इंतजार के बाद आज (11 मई) सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र राजनीतिक संकट मामले को लेकर फैसला आ गया है. फैसले के बाद शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि वह विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लेगा. इसके लिए स्पीकर को जल्द फैसला लेने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया, ऐसे में उनको बहाल नहीं किया जा सकता है.  सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि व्हिप को पार्टी से अलग करना लोकतंत्र के हिसाब से सही नहीं होगा.

पार्टी ही जनता से वोट मांगती है. सिर्फ विधायक तय नहीं कर सकते कि व्हिप कौन होगा. उद्धव ठाकरे को पार्टी विधायकों की बैठक में नेता माना गया था. 3 जुलाई को स्पीकर ने शिवसेना के नए व्हिप को मान्यता दे दी. इस तरह दो नेता और 2 व्हिप हो गए. स्पीकर को स्वतंत्र जांच कर फैसला लेना चाहिए था. गोगावले को व्हिप मान लेना गलत था क्योंकि इसकी नियुक्ति पार्टी करती है. इसके साथ ही पूरा मामला बड़ी बैंच के पास भेज दिया गया. 

Read More पुणे : कूड़े के ढेर में एक दर्जन नवजात बच्चे मिलने की खबर

राज्यपाल को लेकर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट 
राज्यपाल को वो नहीं करना चाहिए जो ताकत संविधान ने उनको नहीं दी है. अगर सरकार और स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा टालने की कोशिश करें तो राज्यपाल फैसला ले सकते हैं. लेकिन इस मामले में विधायकों ने राज्यपाल को जो चिट्ठी लिखी, उसमें यह नहीं कहा कि वह MVA सरकार हटाना चाहते हैं. सिर्फ अपनी पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि किसी पार्टी में असंतोष फ्लोर टेस्ट का आधार नहीं होना चाहिए. राज्यपाल को जो भी प्रस्ताव मिले थे, वह स्पष्ट नहीं थे. यह पता नहीं था कि असंतुष्ट विधायक नई पार्टी बना रहे हैं या कहीं विलय कर रहे हैं. 

Read More पुणे : लड़का न पसंद आने पर लड़की ने करा दी हत्या 

'अयोग्यता पर नहीं लेंगे फैसला'
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह अयोग्यता पर फैसला नहीं लेगा. स्पीकर को इस मामले में जल्द फैसला लेने के आदेश दिए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि पार्टी में बंटवारा अयोग्यता कार्रवाई से बचने का आधार नहीं हो सकती. उद्धव को दोबारा बहाल नहीं कर सकते.  दरअसल, बीते साल एकनाथ शिंदे गुट की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी. उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए बुलाया था. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों की सदस्यता की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिस पर आज फैसला आया है. 

Read More  मुंबई : 26 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव; महायुति के उम्मीदवार अन्ना बनसोडे के निर्विरोध चुने जाने की संभावना

फैसला सुनाने वाली जजों की बैंच 
शिंदे बनाम उद्धव मामले पर पांच जजों की बेंच में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली, पीएस नरसिम्हा शामिल हैं. कोर्ट ने इस मामले में 16 मार्च से 9 दिनों तक दलीलें सुनी थी, जिसके बाद क्रॉस-याचिकाओं के एक बैच पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, फरवरी महीने में चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना और पार्टी का नाम और चिन्ह ‘धनुष और तीर’ शिंदे गुट को दिया था. वहीं, चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. कोर्ट ने इस मामले को 5 सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दिया था. उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए कहा था कि एकनाथ शिंदे गुट के बागियों को किसी पार्टी में विलय करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ऐसे में बगावत करने वालों को अयोग्य घोषित किया जाए.

Read More मुंबई : निधि में ६७२ करोड़ रुपए की कटौती किए जाने के बाद मानव विकास के पहिए की रफ्तार धीमी 

Post Comment

Comment List

No comments yet.

Advertisement

Sabri Human Welfare Foundation

Join Us on Social Media

Latest News

मुंबई : अभी के लिए आंदोलन बंद करो, लेकिन इस मुद्दे पर ध्यान मत भटकने दो - राज ठाकरे  मुंबई : अभी के लिए आंदोलन बंद करो, लेकिन इस मुद्दे पर ध्यान मत भटकने दो - राज ठाकरे 
राज ठाकरे ने कहा कि, ‘कल राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम किसी को भी कानून अपने हाथ में...
गोवा : इस्राइली कुख्यात ड्रग डीलर गिरफ्तार
तेलंगाना में माओवादी के 86 सदस्य ने पुलिस के सामने कर दिया आत्मसमर्पण;  20 महिलाएं शामिल 
मुंबई: 18.92 करोड़ रुपये मूल्य के 21.28 किलोग्राम सोने की तस्करी करने के आरोप में दो विदेशि गिरफ्तार
मुंबई: 19 नागरिक वार्डों में पिछले एक दशक में आवारा कुत्तों की संख्या में 31.6% की गिरावट आई 
मुंबई : नशे में वाहन चलाने की घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि के बाद अपराधियों के खिलाफ़ आपराधिक मामले
मुंबई:  ‘डंकी रूट’; क्राइम ब्रांच ने एयरपोर्ट में प्रवेश करने से लेकर फ्लाइट में चढ़ने तक की पूरी कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया

Advertisement

Sabri Human Welfare Foundation

Join Us on Social Media