ठाकरे ने भरी हुंकार... 'महाराष्ट्र के जनता का पूरा समर्थन, बदनाम करने वाले सपने में देखते हैं'
Thackeray roared... 'Complete support of the people of Maharashtra, those who defame them only see it in dreams'
महाराष्ट्र की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम का जिक्र आते ही शिवसेना के दो-फाड़ होने का जिक्र स्वाभाविक हो जाता है। करीबी सहयोगी एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई और अब उद्धव नए सिरे से दल और समर्थकों को एजजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम का जिक्र आते ही शिवसेना के दो-फाड़ होने का जिक्र स्वाभाविक हो जाता है। करीबी सहयोगी एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई और अब उद्धव नए सिरे से दल और समर्थकों को एजजुट करने का प्रयास कर रहे हैं।
ताजा घटनाक्रम में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्हें महाराष्ट्र की जनता का पूरा समर्थन हासिल है। उन्होंने आलोचकों को आड़े हाथ लिया और कहा कि वह बदनाम करने वाले लोगों के सपने में आते हैं। ठाकरे ने रविवार को पश्चिमी मुंबई के बांद्रा में अपने समर्थकों को संबोधित किया।
अपने आवास- मातोश्री में समर्थकों से मुखातिब उद्धव ठाकरे ने कहा कि जनता से मिलने वाला प्यार और स्नेह पैसे से खरीदा नहीं जा सकता। उन्हें बदनाम करने वाले आलोचकों को भी यह बात पता है। पार्टी के दो गुटों में बंटने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे या UBT) के मुखिया उद्धव ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी का चुनाव चिह्न और नाम दूसरे खेमे के पास है, लेकिन प्रदेश की जनता उनके साथ है।
बता दें कि ठाणे जिले के उल्हासनगर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। कभी उद्धव के करीबी रहे शिंदे की बगावत के बाद करीब डेढ़ साल पहले शिवसेना दो-फाड़ हो गई। हाल ही में कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उद्धव ठाकरे का दामन थामा है।
बगावत के बाद शिवसेना (यूबीटी) में लौटे नेताओं का जिक्र करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि आगे बड़ी राजनीतिक लड़ाई है लेकिन सभी वफादारों और समर्थकों के एकजुट रहने पर कड़े संघर्ष के बाद जीत पाई जा सकती है। उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर भी बात की। उद्धव ठाकरे ने कहा, अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन वह नासिक के कालाराम मंदिर में पूजा करेंगे।
गोदावरी नदी के तट पर 'महा आरती' का आयोजन भी किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि वह कल्याण लोकसभा सीट का दौरा करेंगे। बता दें कि इस सीट से सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे प्रतिनिधित्व करते हैं। गौरतलब है कि ठाकरे का बयान लगभग दो महीने के बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा है।
गौरतलब है कि शिंदे और कई विधायकों के विद्रोह के बाद जून, 2022 में शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई थी। इसके बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। शिवसेना पद दावा ठोका गया। उद्धव खेमे का दावा खारिज हुआ और चुनाव आयोग द्वारा शिंदे खेमे को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष और तीर' का चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया। इसके बाद उद्धव की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) नाम से जानी जाती है।
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