वसई-विरार की सड़कों का गांव के पगडंडी से भी बुरा हाल... सड़कों में गड्डे या गड्डों में सड़क, कहना मुश्किल
The condition of the roads of Vasai-Virar is worse than the village footpaths... It is difficult to say whether there are potholes in the roads or roads in the potholes
ड्डों को अक्सर अनुशंसित गहराई तक नहीं काटा जाता है और उनमें डाम्बर को भर दिया जाता है और सड़कों को समय से पहले यातायात के लिए फिर से खोल दिया जाता है, जिससे न केवल फिर से गड्ढे बन जाते हैं, बल्कि यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं द्वारिका होटल से सोलंकी मेडिकल तक की सड़क को मात्र चार महीना पहले ही बनाया गया था, लेकिन पहली ही बरसात में सड़क टूट गईं। काम होने के बाद सड़क को फिर से बनाने के लिए ठेकेदार भूल गया। जिससे सड़क के बीचों-बीच गड्ढे बन गए हैं।
वसई : वसई-विरार शहर में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे वसईकर परेशान हो रहे हैं। लेकिन उनकी परेशानी ट्रैफिक जाम और सड़क के गड्डों की वजह से और भी बढ़ रही है। सड़कों की खराब गुणवत्ता की वजह से उन पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि करोड़ो के लागत से नवीनीकरण की गई सड़कों पर भी गड्ढे पड़ रहे हैं।
ठेकेदारों की लापरवाही राजन सिंग युवा नेता जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि गड्डों की मरम्मत का काम उसी ठेकेदार को दिया जाता है, जिसने सड़क का निर्माण कराया था। लेकिन निर्माण के बाद भी अगर सड़क पर गड्ढे पड़ते हैं तो यह ठेकेदार की लापरवाही है और उसे तत्काल ब्लैकलिस्ट करना चाहिए और आगे से उन्हें ठेका नहीं देना चाहिए।
समय से पहले सड़कों को खोल दिया जाता है, उन्होंने कहा कि गड्डों की मरम्मत के लिए मानक अनुरूप प्रक्रियाओं का ठीक से पालन नहीं किया जाता है।
गड्डों को अक्सर अनुशंसित गहराई तक नहीं काटा जाता है और उनमें डाम्बर को भर दिया जाता है और सड़कों को समय से पहले यातायात के लिए फिर से खोल दिया जाता है, जिससे न केवल फिर से गड्ढे बन जाते हैं, बल्कि यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं द्वारिका होटल से सोलंकी मेडिकल तक की सड़क को मात्र चार महीना पहले ही बनाया गया था, लेकिन पहली ही बरसात में सड़क टूट गईं। काम होने के बाद सड़क को फिर से बनाने के लिए ठेकेदार भूल गया। जिससे सड़क के बीचों-बीच गड्ढे बन गए हैं।
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