विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बिसात... भाजपा के कई बिधायक शरद पवार गुट में आने को इच्छुक - पवार
Political chessboard before assembly elections... Many BJP MLAs are keen to join Sharad Pawar faction - Pawar

विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बिसात बिछने लगी है। प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार (18 जुलाई) को बड़ा दावा किया है, उन्होंने कहा है कि भाजपा के कुछ विधायक शरद पवार गुट की पार्टी एनसीपी (SP) में शामिल होने की इच्छा रखते हैं। इसके पीछे उन्होंने कारण भी बताया है।
मुंबई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बिसात बिछने लगी है। प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गुरुवार (18 जुलाई) को बड़ा दावा किया है, उन्होंने कहा है कि भाजपा के कुछ विधायक शरद पवार गुट की पार्टी एनसीपी (SP) में शामिल होने की इच्छा रखते हैं। इसके पीछे उन्होंने कारण भी बताया है।
उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की पिंपरी-चिंचवड़ इकाई के प्रमुख अजीत गव्हाणे और दो पूर्व पार्षदों के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा कि शरद पवार के नेतृत्व वाले संगठन में पूर्व नगरसेवकों के रूप में बदलाव शुरू हो गया है। गव्हाणे ने कहा था कि वे शरद पवार का आशीर्वाद लेंगे।
मीडिया से बात करते हुए वरिष्ठ एनसीपी (एसपी) नेता ने दावा करते हुए कहा, "भाजपा के कुछ विधायक भी उनकी पार्टी का हिस्सा बनने में रुचि रखते हैं, क्योंकि वे सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से निराश हैं। एनसीपी के विधायक (अजित पवार गुट) भी वापस आएंगे। हालांकि, शरद पवार तय करेंगे कि एनसीपी (SP) में किसे लिया जाएगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार उनमें से एक हैं? अनिल देशमुख ने कहा, "वह अपनी पार्टी बना रहे हैं, उन्हें इसका विस्तार करने दीजिए।" शरद पवार ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी में किसी भी नेता के संभावित एंट्री पर निर्णय सामूहिक होगा। उन्होंने इस बात की पुष्टि करने से इंकार कर दिया कि अगर अजित पवार वापसी करना चाहते हैं तो उन्हें जगह दी जाएगी या नहीं।
हाल के लोकसभा चुनावों में अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन तीन सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. इसके विपरीत शरद पवार गुट की एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटों में से 8 पर जीत हासिल की थी. एमवीए को 30 और महायुति को 17 सीटों पर जीत मिली थी. नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देशमुख ने गुरुवार को राज्य सरकार से उनके खिलाफ रिश्वत के आरोपों की जांच करने वाले आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को कहा और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह अदालत का रुख करेंगे।
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