नाबालिग का पीछा यौन उत्पीड़न के बराबर... बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने नहीं दी युवक को राहत
Stalking a minor is equal to sexual harassment... Nagpur Bench of Bombay High Court did not give relief to the youth

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस सानप ने कहा कि नाबालिग की बेरुखी के बावजूद अपीलकर्ता ने स्कूल जाते समय उसका पीछा करना नहीं छोड़ा था। उसका आचरण और व्यवहार उसके इरादे को दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं। उसकी मंशा बिल्कुल अच्छी नहीं थी। पीड़िता का साक्ष्य यह साबित करने के लिए काफी है कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया है। पीड़िता ने बयान में अपीलकर्ता के व्यवहार और आचरण का स्पष्ट विवरण दिया है। इस तरह जस्टिस सानप ने अपील को खारिज कर दिया और युवक की सजा को कायम रखा।
मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने नाबालिग के यौन उत्पीड़न के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माना है कि अगर कोई लड़का नाबालिग लड़की से प्यार का इजहार करने के लिए लगातार उसका पीछा करता है, तो यह पॉक्सो कानून के तहत यौन उत्पीड़न के बराबर होगा। जस्टिस सानप ने यह फैसला अपीलकर्ता को दोषी ठहराने के निर्णय को कायम रखते हुए सुनाया है। आरोपी ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस सानप ने कहा कि नाबालिग की बेरुखी के बावजूद अपीलकर्ता ने स्कूल जाते समय उसका पीछा करना नहीं छोड़ा था। उसका आचरण और व्यवहार उसके इरादे को दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं। उसकी मंशा बिल्कुल अच्छी नहीं थी। पीड़िता का साक्ष्य यह साबित करने के लिए काफी है कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया है। पीड़िता ने बयान में अपीलकर्ता के व्यवहार और आचरण का स्पष्ट विवरण दिया है। इस तरह जस्टिस सानप ने अपील को खारिज कर दिया और युवक की सजा को कायम रखा।
अमरावती की एक अदालत ने 4 फरवरी 2021 अपीलकर्ता को दोषी ठहराते हुए एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ आरोपी ने हाई कोर्ट में अपील की थी। अपील में अपील कर्ता ने दावा किया था कि उसे झूठे केस में फंसाया गया है, क्योंकि पीड़िता किसी और लड़के के साथ संबंध में थी।
जस्टिस सानप ने केस के तथ्यों के मद्देनजर कहा कि पीड़िता के बयान से स्पष्ट है कि अपीलकर्ता की उस पर कोई रुचि नहीं थी। बावजूद इसके अपीलकर्ता बार-बार उसका पीछा कर रहा था। वह उससे बात कर प्रेम संबंध बनाना चाहता था। वह इस उम्मीद में बार-बार उसका पीछा कर रहा था कि एक दिन वह उसके प्रेम को स्वीकार कर लेगी, जबकि पीड़िता की अपीलकर्ता में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
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