given
Mumbai 

अपाहिज पत्नी को भरण-पोषण देना होगा! एनआरआई को हाईकोर्ट का आदेश...

अपाहिज पत्नी को भरण-पोषण देना होगा! एनआरआई को हाईकोर्ट का आदेश... हाई कोर्ट ने अनिवासी भारतीय को बिस्तर पर पड़ी पत्नी को अंतरिम प्रावधान के तौर पर प्रति माह 1 लाख 20 हजार रुपये का भरण-पोषण खर्च देने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की एकल पीठ ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पत्नी को भरण-पोषण खर्च की राशि कम करने के अपीलीय अदालत के आदेश को रद्द करते हुए उपरोक्त आदेश पारित किया।
Read More...
Maharashtra 

नागपुर में पूर्व प्रेस फोटोग्राफर की हत्या... प्रेमिका ने शूटर को दी थी सुपारी

नागपुर में पूर्व प्रेस फोटोग्राफर की हत्या...  प्रेमिका ने शूटर को दी थी सुपारी पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 54 वर्षीय पूर्व फोटोग्राफर विनय उर्फ बबलू पूनेकर की 23 फरवरी को राज नगर स्थित उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने कहा कि इस हत्या के सिलसिले में 36 साल की प्रेमिका साक्षी ग्रोवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि शूटर की पहचान हेमंत शुक्ला के रूप में हुई है। हालांकि, अभी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है और वह घटना को अंजाम देने के बाद से ही फरार है।
Read More...
Mumbai 

रश्मि शुक्ला अब साल 2026 तक होंगी महाराष्ट्र की डीजीपी... लगभग दो साल का कार्यकाल में सेवा विस्तार दिया गया है

रश्मि शुक्ला अब साल 2026 तक होंगी महाराष्ट्र की डीजीपी... लगभग दो साल का कार्यकाल में सेवा विस्तार दिया गया है सुप्रीम कोर्ट का आदेश कहता है कि जिस किसी को दो साल का फिक्स कार्यकाल दिया जाए, उसका उम्र के हिसाब से उस पद से रिटायर होने से पहले कम से कम छह महीने का कार्यकाल बाकी हो। रश्मि शुक्ला को डीजीपी बनाने का ऑर्डर महाराष्ट्र सरकार ने 4 जनवरी, 2024 को निकाला था (उन्होंने 9 जनवरी को कार्यभार संभाला), उनका 30 जून को पहले रिटायरमेंट ड्यू था, इसलिए बतौर डीजीपी उनका 4 जनवरी से 30 जून, 2024 तक छह महीने का कार्यकाल पूरा नहीं हो रहा।
Read More...
Mumbai 

पत्नी को 47 महीने तक नहीं दिया मेंटीनेंस, बॉम्बे हाई कोर्ट ने 47 महीने की दी जेल...

पत्नी को 47 महीने तक नहीं दिया मेंटीनेंस, बॉम्बे हाई कोर्ट ने 47 महीने की दी जेल... मैजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ पति ने हाई कोर्ट में अपील की थी। जस्टिस शर्मिला देशमुख के सामने पति की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद जस्टिस देशमुख ने कहा कि मौजूदा मामले में दिया गया मैजिस्ट्रेट का आदेश सीआरपीसी की धारा 125(3) के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। मैजिस्ट्रेट इस मामले में एक माह से अधिकतम 12 माह की सजा दे सकते थे।
Read More...

Advertisement