तेल पर वसूल किए जाने वाला सीमा शुल्क रद्द करने से खाद्य तेल की दरों में गिरावट...
The reduction in the rates of edible oil due to the cancellation of customs duty on oil.

केंद्र सरकार ने खाद्य तेल पर वसूल किए जाने वाला सीमा शुल्क रद्द करने से तेल की आयात बढ़ हो गई है। परिणामस्वरूप तेल की दाम गिर गए है। दो महीने में 20 से 25 प्रतिशत से दाम गिर गए है। रशिया-युक्रेन युद्ध के चलते दिसंबर और जनवरी से खाद्य तेल के दाम आसमान छू रहे थे। तेल की आयात रूकने से दर बढ़ रहे थे।
नाशिक : केंद्र सरकार ने खाद्य तेल पर वसूल किए जाने वाला सीमा शुल्क रद्द करने से तेल की आयात बढ़ हो गई है। परिणामस्वरूप तेल की दाम गिर गए है। दो महीने में 20 से 25 प्रतिशत से दाम गिर गए है। रशिया-युक्रेन युद्ध के चलते दिसंबर और जनवरी से खाद्य तेल के दाम आसमान छू रहे थे। तेल की आयात रूकने से दर बढ़ रहे थे।
परंतु अब सरकार ने तेल पर वसूला किया जा रहा सीमा शुल्क रद्द किया है। उत्सव के दौरान तेल के दाम गिरने से नागरिकों को लाभ होगा।
देश में एक साल में 250 टन खाद्य तेल का उपयोग होता है। इसमें से 140 टन तेल आयात किया जाता है। मंडी में आज की स्थिति में मलेशिया अर्जेंटिना इंडोनेशिया से तेल की आयात हो रही है। साथ ही युक्रेन से सूर्यफूल तेल की 20 से 30 प्रतिशत आयात शुरू हो गई है।
कुल जरूरत में से 60 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है। तो देश के तेल उत्पादना से शेष 40 प्रतिशत जरूरत को पूरा किया जाता है। देश आयात तेल पर अधिक निर्भर है। अन्य खाद्य तेल के दाम गिर गए है, लेकिन मूंगफली तेल के दाम कम नहीं हुए है।
चीन में मूंगफली और उसके तेल की निर्यात अधिक मात्रा में हो रही है। महाराष्ट्र और गुजरात से महीने में दो हजार मेट्रिक टन मूंगफली के तेल की निर्यात हो रही है। इसलिए इस तेल के प्रति किलो दाम 180 से 185 रुपए है।
Today's E Newspaper
Related Posts
Post Comment
Latest News
.jpg)
Comment List