महावितरण के विरुद्ध अब तक ३,२४६ शिकायतें दर्ज, ग्राहकों ने किया आवाज बुलंद
So far 3,246 complaints have been filed against Mahavitaran, customers raised their voice

बिजली दर वृद्धि को लेकर सरकारी नीतियों से खफा उपभोक्ताओं ने अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत वे बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। विशेषकर बिजली प्रदाता कंपनी महावितरण के खिलाफ ग्राहकों ने आवाज बुलंद किया है। महावितरण के विरुद्ध अब तक ३,२४६ शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं। इधर राज्य के कृषि पंप धारक किसानों ने बिजली बिल में त्रुटियों का हवाला देते हुए बिल का भुगतान नहीं करने का फैसला लिया है।
मुंबई : बिजली दर वृद्धि को लेकर सरकारी नीतियों से खफा उपभोक्ताओं ने अभियान छेड़ दिया है। इसके तहत वे बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं। विशेषकर बिजली प्रदाता कंपनी महावितरण के खिलाफ ग्राहकों ने आवाज बुलंद किया है। महावितरण के विरुद्ध अब तक ३,२४६ शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं। इधर राज्य के कृषि पंप धारक किसानों ने बिजली बिल में त्रुटियों का हवाला देते हुए बिल का भुगतान नहीं करने का फैसला लिया है।
बता दें कि बिजली दर वृद्धि के खिलाफ घरेलू, कारोबारी, उद्यमी और किसान संगठन एकजुट हुए हैं। आरोप है कि सरकार की नाकामियों के कारण बिजली कंपनियां मनमानी कर रही हैं। घाटे का रोना तो कंपनियों का बहाना है, जबकि मुख्य वजह कंपनियों में चल रहा भ्रष्टाचार और अनियमितता है। महावितरण द्वारा बिजली दर में भारी वृद्धि के खिलाफ ग्राहकों ने आंदोलन छेड़ दिया है। इसके तहत काफी लोगों ने बिल का भुगतान बंद कर दिया है। घाटे के कारण कंपनियों ने दर बढ़ा दी हैं। आरोप है कि घाटे का रोना तो कंपनियों का बहाना है, जबकि मुख्य वजह कंपनियों में चल रहा भ्रष्टाचार और अनियमितता है। घाटे की भरपाई दर वृद्धि के तौर पर ग्राहकों पर थोपी जाएगी।
पहले से देश के सभी राज्यों से ज्यादा महाराष्ट्र में बिजली की दर है। कृषि पंप धारकों को मनमाना दर लगाकर त्रुटिपूर्ण बिजली बिल भेजे गए हैं। इसके खिलाफ विभिन्न संगठनों ने एकजुटता दिखाते हुए आवाज उठाई है। इसके लिए समन्वय समिति गठित की गई है। समन्वय समिति की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उपभोक्ताओं की अब तक ३,२४६ आपत्तियां दर्ज की गई हैं। इसके अलावा कई आपत्तियां ईमेल के जरिए भेजी गई हैं। आपत्तियों की कुल संख्या ५,००० या अधिक हो सकती है।
महाराष्ट्र वीज ग्राहक संगठन के अध्यक्ष और बिजली मामलों के जानकार प्रताप होगाडे के अनुसार महावितरण ने ६७,६४४ करोड़ रुपए यानी औसतन ३७ प्रतिशत बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव राज्य नियामक को दिया है। यह दर वृद्धि औसतन २.५५ रुपए प्रति यूनिट होगी। इस दर वृद्धि को पूरी तरह से रद्द किया जाना चाहिए। राज्य में मौजूदा बिजली दरों को देश के अन्य राज्यों की तुलना में कम किया जाए।
होगाडे ने बताया कि बतौर सरकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पहल करनी चाहिए। हम विधायकों, सांसदों और मंत्रियों से मिलकर उन्हें पूरी जानकारी देंगे कि क्यों इस दर वृद्धि को रद्द करना जरूरी है? मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर निर्णायक बैठक लेने का प्रयास किया जाएगा। हमारा अभियान शुरू है। २८ फरवरी को राज्यव्यापी आंदोलन का एलान किया गया है। इस आंदोलन में बिजली दर वृद्धि के प्रस्ताव की होली जलाई जाएगी और संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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