महाराष्ट्र की जेलों में बंद कैदियों और उनके परिजनों के लिए गुड न्यूज... जेल से फोन पर बात कर सकेंगे कैदी
Good news for the prisoners and their relatives lodged in the jails of Maharashtra ... Prisoners will be able to talk on the phone from jail
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जेलों में बंद कैदियों और उनके परिजनों के लिए गुड न्यूज है। अपर महानिदेशक (जेल) अमिताभ गुप्ता द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि जिन कैदियों के वकील उनसे जेल में मिलने नहीं आते हैं, वो कैदी अब पूरे महीने में दो बार में कुल 10 मिनट तक अपने वकील से उनके फोन पर बातचीत कर सकेंगे, हालांकि सुरक्षा के लिए उनकी यह बातचीत रिकॉर्ड की जाएगी। जेल प्रशासन ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि जिन कैदियों के परिवार के सदस्य शारीरिक मुलाकातों (बैठकों) के दौरान उनसे मिलने में असमर्थ हैं। उन कैदियों को जेलों से महीने में तीन बार 10 मिनट के लिए कॉइन बॉक्स सुविधा मिलेगी।
मुंबई: महाराष्ट्र की जेलों में बंद कैदियों और उनके परिजनों के लिए गुड न्यूज है। अपर महानिदेशक (जेल) अमिताभ गुप्ता द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि जिन कैदियों के वकील उनसे जेल में मिलने नहीं आते हैं, वो कैदी अब पूरे महीने में दो बार में कुल 10 मिनट तक अपने वकील से उनके फोन पर बातचीत कर सकेंगे, हालांकि सुरक्षा के लिए उनकी यह बातचीत रिकॉर्ड की जाएगी। जेल प्रशासन ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि जिन कैदियों के परिवार के सदस्य शारीरिक मुलाकातों (बैठकों) के दौरान उनसे मिलने में असमर्थ हैं। उन कैदियों को जेलों से महीने में तीन बार 10 मिनट के लिए कॉइन बॉक्स सुविधा मिलेगी।
गौरतलब है कि यह आदेश उन कैदियों के तनाव को कम करने के लिए दिया गया है, जिनके परिवार के सदस्यों या वकील उनसे मुलाकात के लिए जेल में नहीं आतें हैं। कैदियों के मानसिक तनाव का एक बड़ा कारण यह भी है कि कई कैदियों से उनके परिवार के सदस्य बहुत कम मिलने आते है, क्योंकि अगर वे दूर रहते हैं तो आर्थिक स्थिति की वजह से वह नियमित मिलने नहीं आ पाते हैं। ज्यादातर मामलों में, कैदियों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होती है, इसके लिए उनके वकीलों से उनकी नियमित मुलाकात नहीं होती है। इसी वजह से ऐसे कैदियों के लिए कॉइनबॉक्स सुविधा का विस्तार करने का निर्णय लिया गया, जो अपने वकीलों या परिवार से नहीं मिल पाते हैं।
जेल प्रशासन द्वारा खरीदे गए 138 स्मार्टफोन के माध्यम से कोविड-19 के दौरान सभी कैदियों के लिए वीडियो कॉल सहित फोन कॉल की अनुमति दी गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि 2020 में इस कोरोना के फैलने की चिंताओं का हवाला देते हुए फिजिकल मुलाकात बंद कर दी गई थी। 2021 में मुलाकातें फिर से शुरू होने के बाद स्मार्टफोन की सुविधा बंद कर दी गई, हालांकि ज्यादातर जेलों में क्षमता से अधिक भीड़ को देखते हुए कॉइनबॉक्स की संख्या पर्याप्त नहीं है, कॉइनबॉक्स की सुविधा को ओवरहाल करने और इसके स्थान पर एक कैदी फोन प्रणाली लाने के प्रयास चल रहे हैं, जैसा कि दिल्ली में तिहाड़ जेल सहित अन्य राज्यों की विभिन्न जेलों में देखा जाता है। नए कैदी की उंगलियों के निशान स्कैन किए जाते हैं और सिस्टम में परिवार के सदस्यों के रजिस्टर्ड फोन नंबरों के साथ संग्रहित किए जाते हैं।
राज्य में 36 जेल है और 76 कॉइनबॉक्स की सुविधा कुछ जेलों में हैं। जहां कुछ श्रेणियों के कैदियों को छोड़कर, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम जैसे कड़े कानूनों के तहत दर्ज कैदी शामिल हैं, को उनके परिवार से दो बार फोन पर बात करने के लिए 10 मिनट तक का समय दिया जाता है। हालांकि, मुंबई की आर्थर रोड जेल सहित कई जेलों में कॉइनबॉक्स सुविधा वर्तमान में विचाराधीन कैदियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं।
कैदी द्वारा अपने परिवार के संपर्क नंबर (मोबाइल) देने के बाद, स्थानीय पुलिस उन नंबरों को वेरिफाई करेगी, जिसके बाद कैदी को महीने में दो बार फोन कॉल करने की अनुमति दी जाएगी। कैदियों से मुलाकात उनके द्वारा दिए गए रिकॉर्ड के जरिए पहचान के बाद करने की जिम्मेदारी जेल स्टाफ की होगी।
अदालती काम में व्यस्त होने की वजह से जेल में कैदी से मिलना नहीं हो पाता है। बहुत से मामले में कैदियों को तारीख पर अदालत में भी नहीं पेश किया जाता है। वकील और परिवार से नहीं मिलने पर कैदी डिप्रेशन में रहते है, लेकिन इस निर्णय के बाद से वकील अपने कैदियों के संपर्क में रहेंगे।
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