दीपावली बस दो दिन लेकिन... महंगाई के कारण कड़वी हुई चीनी
Diwali is just two days away but sugar has become bitter due to inflation.
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इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के अनुसार, एथेनॉल की ओर डायवर्जन पर विचार किए बिना २०२३-२४ सीजन के लिए चीनी उत्पादन लगभग ३३७ लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो २०२२-२३ सीजन के अनुमानित ३६६ लाख टन से कम है। आईएसएमए ने एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी डायवर्सन का अनुमान नहीं लगाया है। सरकार द्वारा वार्षिक एथेनॉल खरीद मूल्य की घोषणा करने के बाद ही यह अनुमान लगाया जाएगा। भारत में चीनी उद्योग लगातार एथेनॉल की कीमतों में वृद्धि के लिए आग्रह कर रहा है।
मुंबई : दीपावली बस दो दिन दूर है, लेकिन महंगाई और बेरोजगारी के कारण लोग खुलकर यह महापर्व नहीं मना पा रहे हैं। बाजारों में दीपावली की अपेक्षित धूम नहीं दिख रही है। खासकर मिठाई की दुकानें चमक-धमक के साथ तैयार हैं। बिक्री भी जमकर हो रही है, लेकिन गत वर्ष की तुलना में १५ फीसदी से अधिक महंगी हो चुकी मिठाई उन्हें मायूस कर रही है।
खोवा, मेवा, मैदा आदि सामग्रियों के अलावा खासकर महंगाई के कारण कड़वी हुई चीनी का महंगा होना, मिठाई के दाम बढ़ने के पीछे की सबसे अहम वजह बन गई है। त्योहारी सीजन में हमेंशा की तरह इस बार भी चीनी की मांग बढ़ गई है। पिछले एक महीने में चीनी के दाम औसतन तीन फीसदी बढ़े हैं। एम-३० चीनी की एक्स-मिल दर मुंबई में ३८.५० रुपए, कानपुर में एम-३० का एक्स-मिल रेट ३९.३० रुपए, कोलकाता में एम-३० की एक्स-मिल कीमत ३९.८० रुपए प्रति किलोग्राम थी।
वहीं खुदरा बाजार में ८ नवंबर २०२३ को मुंबई में एम-३० चीन का खुदरा दाम ४७ रुपए, दिल्ली में ४५ रुपए, कोलकाता में ४८ रुपए, चेन्नाई में ४३ रुपए, कानपुर में ४६ रुपए और रायपुर में ४२ रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले से औसतन करीब पांच रुपए अधिक हैं। एक साल मुंबई खुदरा बाजार में चीनी ४२ रुपए, दिल्ली में ४२ रुपए कानपुर में ४० रुपए, रायपुर में ४१ रुपए, कोलकोता में ४४ रुपए और चेन्नाई में ४० रुपए प्रति किलोग्राम थी।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की कम फसल के कारण चीनी उत्पादन में गिरावट की चिंता है। इसके साथ ही किसान संगठनों द्वारा गन्ना का मूल्य की अधिक मांग आने वाले समय में कीमतों में बढ़ोतरी के संकेत दे रहे हैं। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के राजू शेट्टी कहते हैं कि केंद्र सरकार को चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य ३९ रुपए प्रति किलोग्राम करना चाहिए, एथेनॉल का मूल्य प्रति लीटर सी हेवी ६० रुपए, बी-हेवी के लिए ७१ रुपए और सिरप से उत्पादित एथेनॉल के लिए ७५ रुपए तय करना चाहिए। एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाएं जाने से भी चीनी का उत्पादन कम होने और कीमतें प्रभावित होने की बात की जा रही है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के अनुसार, एथेनॉल की ओर डायवर्जन पर विचार किए बिना २०२३-२४ सीजन के लिए चीनी उत्पादन लगभग ३३७ लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है, जो २०२२-२३ सीजन के अनुमानित ३६६ लाख टन से कम है। आईएसएमए ने एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी डायवर्सन का अनुमान नहीं लगाया है। सरकार द्वारा वार्षिक एथेनॉल खरीद मूल्य की घोषणा करने के बाद ही यह अनुमान लगाया जाएगा। भारत में चीनी उद्योग लगातार एथेनॉल की कीमतों में वृद्धि के लिए आग्रह कर रहा है।
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