8 पर्सेंट महंगा होने वाला है पानी स्लम से लेकर रिहायशी इमारतों और होटलों तक...
Water is going to become costlier by 8% from slums to residential buildings and hotels...
वर्ष 2012 में बीएमसी ने नियम बनाया था कि हर साल पानी की दर अधिकतम 8 पर्सेंट बढ़ेगी और यह हर साल 16 जून से लागू होगी। बीएमसी मुंबईकरों को प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति सात झीलों से करती है। बीएमसी का तर्क है कि जिस कीमत पर लोगो को पानी उपलब्ध कराया जाता है, उसकी दर बहुत ही मामूली है। जबकि, लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए बीएमसी कई गुना खर्च करती है।
मुंबई : मुंबईकरों का पानी महंगा करने की तैयारी बीएमसी प्रशासन कर रहा है। कमिश्नर आई़ एस़ चहल के अनुसार बीएमसी का कानून है कि हर साल पानी की दर 8 पर्सेंट अपने-आप बढ़ जाएगी। 16 जून से नई वृद्धि दर लागू मानी जाएगी, हालांकि फिलहाल इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। बीएमसी 1 दिसंबर, 2023 को बैठक कर इस पर अंतिम निर्णय लेगी। विपक्षी कांग्रेस ने बीएमसी के प्रस्तावित निर्णय का कड़ा विरोध किया है।
बीएमसी हर तीसरे महीने पर उपभोक्ताओं को वॉटर बिल भेजती है। इस बार यदि दर में वृद्धि को मंजूरी मिली, तो नए बिल में बकाया रकम जोड़ दी जाएगी। यदि मुंबई में पानी की दर में 8 पर्सेंट वृद्धि होती है, तो यहां पानी 25 पैसे 6 रुपये तक महंगा हो सकता है। इसका असर स्लम से लेकर रिहाइशी इमारतों एवं फाइव स्टार होटलों पर भी पड़ेगा। इससे बीएमसी को एक साल में करीब 100 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद है।
मुंबई में व्यावसायिक संस्थाओं, उद्योग-धंधों और कारखानों के लिए बीएमसी जो पानी मुहैया कराती है, वह अभी प्रति हजार लीटर पानी पर 63.65 रुपये शुल्क देते हैं। मुंबई के पॉश इलाके रेसकोर्स, थ्री स्टार एवं फाइव स्टार होटलों को भी बढ़ी दर के साथ वॉटर बिल भरना होगा, जो फिलहाल प्रति हजार लीटर पर 101 रुपये देते हैं। मुंबई में बॉटलिंग प्लांट, एयरेटेड पानी बनाने वाले प्लांट अभी 1000 लीटर पानी के लिए 132.64 रुपये खर्च करते हैं। वर्ष 2021 में पानी की दर 5.29 पर्सेंट और वर्ष 2022 में 7.12 पर्सेंट बढ़ाई गई थी।
वर्ष 2012 में बीएमसी ने नियम बनाया था कि हर साल पानी की दर अधिकतम 8 पर्सेंट बढ़ेगी और यह हर साल 16 जून से लागू होगी। बीएमसी मुंबईकरों को प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति सात झीलों से करती है। बीएमसी का तर्क है कि जिस कीमत पर लोगो को पानी उपलब्ध कराया जाता है, उसकी दर बहुत ही मामूली है। जबकि, लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए बीएमसी कई गुना खर्च करती है।
पानी आपूर्ति के लिए प्रशासनिक खर्च के साथ ऊर्जा का खर्च और सरकार के तालाब से लिए जाने वाले पानी का खर्च भी बढ़ गया है। इसी तरह पानी के शुद्धिकरण और उसमें डाली जाने वाली दवाओं का खर्च भी बढ़ गया है। हालांकि, मुंबई में पानी वृद्धि के मुद्दे पर बीएमसी कमिश्नर दबाव में हैं। चुनावी साल में पानी दर में वृद्धि कर शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसीलिए हर साल पानी की दरों में वृद्धि का नियम होने के बावजूद बीएमसी इस पर फूंक-फूंककर कदम उठा रही है।
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