जरांगे का 20 जनवरी से मुंबई में अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान, सीएम ने संयम बरतने का किया आग्रह
Jarange announces indefinite strike in Mumbai from January 20, CM urges to exercise restraint
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मुंबई: मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को एलान किया कि वह समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को तेज करने के लिए 20 जनवरी से मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे। मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि मराठा समुदाय के 'करोड़ों' लोग 20 जनवरी को मुंबई आएंगे।
मुंबई: मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को एलान किया कि वह समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को तेज करने के लिए 20 जनवरी से मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करेंगे। मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड जिले में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि मराठा समुदाय के 'करोड़ों' लोग 20 जनवरी को मुंबई आएंगे।
इस बीच, एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मराठा आरक्षण मुद्दे से जुड़ी राज्य सरकार की सुधारात्मक याचिका स्वीकार कर ली है और इस पर 24 जनवरी को सुनवाई होगी। शिंदे ने कहा कि इसने समुदाय के लिए 'उम्मीद की खिड़की' खोल दी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्होंने लोगों से संयम बरतने का आग्रह किया। शिंदे ने यह भी कहा कि मराठों को आरक्षण देते समय अन्य समूहों के आरक्षण के लाभ अछूते रहेंगे।
बीड में रैली में बोलते हुए जरांगे ने कहा, मैं 20 जनवरी से मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करूंगा। मराठों को दबाना मुश्किल है। हम समुदाय के लिए आरक्षण हासिल किए बिना वापस नहीं लौटेंगे। आरक्षण कार्यकर्ता ने कहा कि वह जालना जिले के अंतरवाली स्थित अपने गांव से पैदल ही रवाना होंगे और मुंबई पहुंचेंगे जिस दौरान समुदाय के सदस्य भी उनके साथ शामिल होंगे।जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक का समय दिया था।
शिंदे ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि राज्य सरकार की कानूनी टीम उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपना विचार रखेगी और यह साबित करने के लिए सभी प्रयास करेगी कि मराठा समुदाय सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य पिछड़ा आयोग मराठा समुदाय और उसकी दुर्दशा पर 'बड़े पैमाने' पर अनुभवजन्य आंकड़े जुटा रहा है।
उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था, जिसे बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार अदालत के समक्ष अपनी बात साबित करने में विफल रही। शिंदे ने कहा, 'मराठा समुदाय के बारे में अनुभवजन्य आंकड़े एकत्र करते समय (आरक्षण को रद्द करते समय) उच्चतम न्यायालय की टिप्पणियों को संज्ञान में लिया जाएगा। इससे मामले को उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश करने में मदद मिलेगी।'
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