प्रशासन के आश्वासन के बाद ट्रक चालकों ने वापस ली हड़ताल!
Truck drivers call off strike after administration's assurance!
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ट्रक चालकों ने महाराष्ट्र में मुंबई, नागपुर, सोलापुर, धाराशिव, नवी मुंबई, पालघर, नागपुर, बीड, हिंगोली, छत्रपति संभाजीनगर, नासिक, गडचिरोली और वर्धा सहित महाराष्ट्र में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. नासिक जिले के कलेक्टर जलज शर्मा और पुलिस अधीक्षक शाहजी उमाप ने मंगलवार को पनवाडी में परिवहकों , डीलरों, पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की. कलेक्टर के आश्वासन के बाद परिवहक हड़ताल खत्म करने पर राजी हो गए.
नासिक : ‘हिट एंड रन’ (सड़क दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों से संबंधित नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ट्रक चालकों ने अधिकारियों के आश्वासन के बाद महाराष्ट्र के नासिक में अपनी हड़ताल वापस ले ली. देश के कई राज्यों में सोमवार से शुरू हुआ ट्रक चालकों का प्रदर्शन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसके कारण डिपो में पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति नहीं हो पाई और लोग ईंधन की कमी की आशंका के बीच पेट्रोल पंपों पर उमड़ पड़े.
ट्रक चालकों ने महाराष्ट्र में मुंबई, नागपुर, सोलापुर, धाराशिव, नवी मुंबई, पालघर, नागपुर, बीड, हिंगोली, छत्रपति संभाजीनगर, नासिक, गडचिरोली और वर्धा सहित महाराष्ट्र में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. नासिक जिले के कलेक्टर जलज शर्मा और पुलिस अधीक्षक शाहजी उमाप ने मंगलवार को पनवाडी में परिवहकों , डीलरों, पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक की. कलेक्टर के आश्वासन के बाद परिवहक हड़ताल खत्म करने पर राजी हो गए.
बैठक के बाद कलेक्टर ने कहा, 'डीलरों और परिवहकों के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया. हमने उनकी चिंताओं को सुना और उन्हें उनकी शिकायतों और विचारों को केंद्र तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. इसके बाद वे परिचालन फिर से शुरू करने पर सहमत हुए.' हड़ताली परिवहकों में शामिल विकास करकाले ने कहा, 'बैठक में, जिला कलेक्टर ने हमें आश्वासन दिया कि हमारे विचारों और मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा.
इसलिए, हमने हड़ताल खत्म करने का फैसला किया है और नियमित कामकाज शुरू हो गया है.” औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना मौके से भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
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