शिवसंकल्प अभियान की शुरुआत; महाराष्ट्र में हमने ‘अब की बार 45 पार’ का संकल्प - एकनाथ शिंदे
Shivsankalp campaign launched; In Maharashtra we have resolved to cross 45 – Eknath Shinde

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है ‘अब की बार 400 पार’ प्रधानमंत्री के इस संकल्प को साकार करने के लिए महाराष्ट्र में हमने ‘अब की बार 45 पार’ का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री के 400 पार के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे 45 पार का संकल्प पूरा होना जरूरी है।
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है ‘अब की बार 400 पार’ प्रधानमंत्री के इस संकल्प को साकार करने के लिए महाराष्ट्र में हमने ‘अब की बार 45 पार’ का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री के 400 पार के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे 45 पार का संकल्प पूरा होना जरूरी है। यह बातें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को अपने शिवसंकल्प अभियान की शुरुआत करते हुए कहीं। शिव संकल्प अभियान के तहत मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव से पहले पूरे महाराष्ट्र का दौरा करने वाले हैं। शनिवार को उन्होंने पुणे जिले के शिरूर से इसकी शुरुआत की।
शिंदे ने वहां शिवसेना कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप किसी भी संकल्प को पूरा करना चाहते हैं, तो इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। अपनी सारी शक्ति समर्पित करने का दृष्टिकोण लगता है। हमें बालासाहेब ठाकरे ने हमें लड़ना सिखाया है। अन्याय के खिलाफ खड़ा रहना सिखाया है। उनकी प्रेरणा से हम आज तक काम कर रहे हैं और राज्य में कई विकास कार्य कर शुरू किए हैं। उन्हीं कार्यों के आधार पर हम शिव संकल्प अभियान शुरू कर रहे हैं।
शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। उसी तरह हमने भी महाराष्ट्र में काम किया है। राज्य की जीडीपी बढ़ी है। पिछले डेढ़ साल में महाराष्ट्र नंबर एक पर पहुंचा है। हम आगामी लोकसभा चुनाव में 45 से अधिक सांसद चुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करना चाहते हैं।
शिंदे ने आगे कहा जिन लोगों ने झूठ बोलकर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन तोड़ा, लाखों शिवसैनिकों का अपमान किया और उन्हें धोखा दिया, जब तक उन्हें सबक नहीं सिखाते, तब तक हम चुप नही बैठेंगे।
रोजाना सैकड़ों कार्यकर्ता शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। अगर मैंने कोई गलत कदम उठाया होता, तो क्या सारे लोगो ने मुझ पर इतना विश्वास दिखाया होता? डेढ़ साल पहले ईमानदारी से शिवसेना को बचाने, धनुष-बाण को बचाने और शिवसैनिकों होने वाली मानसिक पीड़ा को रोकने के लिए फैसला लिया था। मुझे सत्ता या पद का मोह नहीं था। मैं नगर विकास मंत्री था, लेकिन मंत्री पद छोड़ हम सत्ता से बाहर हो गए। अगर हमने यह कदम नहीं उठाया होता तो यह शिवसेना रसातल में चली गई होती।
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