महाराष्ट्र : शरद पवार को मिली 85 सीटों के बाद उठ रहा है सवाल
Questions are being raised after Sharad Pawar got 85 seats
83 साल के शरद पवार महाराष्ट्र से लेकर देश तक की सियासत में अपने फैसले से चौंकाने के लिए मशहूर हैं. सीनियर पवार ने एक बार फिर से महाविकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग में सबको चौंका दिया है. तीनों ही पार्टियों में सबसे कम जनाधार होने के बावजूद शरद पवार की पार्टी को बराबर-बराबर की सीटें मिली हैं.
मुंबई। 83 साल के शरद पवार महाराष्ट्र से लेकर देश तक की सियासत में अपने फैसले से चौंकाने के लिए मशहूर हैं. सीनियर पवार ने एक बार फिर से महाविकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग में सबको चौंका दिया है. तीनों ही पार्टियों में सबसे कम जनाधार होने के बावजूद शरद पवार की पार्टी को बराबर-बराबर की सीटें मिली हैं. समझौते के तहत शरद पवार को मिली 85 सीटों के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा करने में पवार कामयाब कैसे हुए और पवार इसके जरिए क्या साधना चाहते हैं?
पवार की नजर सीएम कुर्सी पर तो नहीं?
गठबंधन से 85 सीटें झटकने वाले शरद पवार को लेकर एक चर्चा खूब तेजी से चल रही है. कहा जा रहा है कि क्या शरद पवार की नजर मुख्यमंत्री कुर्सी पर तो नहीं है? इस चर्चा की 2 बड़ी वजहें हैं-
1. महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी की जीत का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा था. 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली एनसीपी (शरद) को 8 पर जीत मिली थी. इस स्ट्राइक रेट से देखा जाए तो शरद पवार की पार्टी 60-70 सीटों पर जीत सकती है. अगर ऐसा होता है तो सीएम पद की कुर्सी पर पवार की दावेदारी सबसे मजबूत हो सकती है.
2. शरद पवार ने हाल ही में एक रैली में जयंत पाटिल के जरिए सीएम कुर्सी की चर्चा की थी. पवार इस बार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का नाम भी घोषित नहीं कर रहे हैं. इसके पीछे 2004 के चुनाव का एक वाकया बताया जा रहा है. 2004 में पवार ने चुनाव से पहले कांग्रेसी मुख्यमंत्री बनने की घोषणा की थी. 2004 में एनसीपी को कांग्रेस से 2 ज्यादा सीटें मिली. इसके बावजूद पवार ने सीएम की कुर्सी कांग्रेस को दे दी.
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