महाराष्ट्र : नामांकन में महज 2 दिन; लेकिन बिखराव खत्म नहीं हो रहा
Chaos in MVA, know what is going on from Kalyan- Bhiwandi to Nallasopara
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन में महज 2 दिन बचे हैं, लेकिन कल्याण जिला कांग्रेस में बिखराव खत्म नहीं हो रहा है। यहां 125 कार्यकर्ताओं ने यह कहते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया है कि इस चुनाव में कोकण और ठाणे जिलों से कांग्रेस को बाहर कर दिया गया है। जिला अध्यक्ष सचिन पोटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हम सभी अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके अलावा, पोटे ने कहा कि पार्टी नेताओं को कल्याण-पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अपने लिए लेने चाहिए।
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन में महज 2 दिन बचे हैं, लेकिन कल्याण जिला कांग्रेस में बिखराव खत्म नहीं हो रहा है। यहां 125 कार्यकर्ताओं ने यह कहते हुए सामूहिक इस्तीफा दे दिया है कि इस चुनाव में कोकण और ठाणे जिलों से कांग्रेस को बाहर कर दिया गया है। जिला अध्यक्ष सचिन पोटे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हम सभी अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके अलावा, पोटे ने कहा कि पार्टी नेताओं को कल्याण-पूर्व और पश्चिम विधानसभा क्षेत्र अपने लिए लेने चाहिए। एक दशक से भी अधिक से हम सब ईमानदारी से काम कर रहे हैं। हमने लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक गठबंधन धर्म का पालन किया है। विधानसभा चुनाव में कोकण और ठाणे जिलों में कांग्रेस के लिए अनुकूल माहौल होने के बावजूद पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी।
क्या बोले पोटे
भिवंडी को छोड़कर ठाणे जिले में पंजे उखाड़ने का काम किया गया है। पोटे ने कहा कि हम जल्द ही फैसला लेंगे कि चुनाव में उद्धव गुट के उम्मीदवार के लिए काम करना है या नहीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला जिला अध्यक्ष कंचन कुलकर्णी, उपाध्यक्ष राजाभाऊ पाटकर, ब्लॉक अध्यक्ष विमल ठक्कर, प्रदेश सदस्य मुन्ना तिवारी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष जपजीत सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष शकील खान आदि मौजूद थे।
दयानंद चोरघे को टिकट दिए जाने का कड़ा विरोध
एमवीए में भिवंडी-पूर्व और पश्चिम विधानसभाओं में उम्मीदवारी को लेकर घमासान मचा हुआ है। भिवंडी-पूर्व सपा के पास है, जिसका शिवसेना (यूबीटी) ने कड़ा विरोध किया है और सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है। इसी तरह, पश्चिम में कांग्रेस ने भिवंडी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष दयानंद चोरघे को उम्मीदवार बनाया है। उनके नाम की घोषणा होते ही पार्टी दो खेमों में बंट गई है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चोरघे का यहां कोई जनाधार नहीं है। स्थानीय नेता लोकसभा चुनाव के बाद से ही यहां मुस्लिम या किसी जनाधार वाले नेता की उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे। पूर्व महापौर विलास पाटील और अब्दुल रशीद ताहिर मोमिन के घर के पास रातभर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। मोमिन ने कहा कि कांग्रेस के सभी नगरसेवक और पदाधिकारी इस निर्णय से नाराज हैं। 29 अक्टूबर तक पार्टी ने पुनर्विचार नहीं किया, तो कोई निर्णय लिया जाएगा। वहीं, पाटील ने कहा है कि उनका दावा बरकरार है और वह नामांकन की आखिरी शाम अगले कदम की जानकारी देंगे।
इन्होंने किया उम्मीदवारी का स्वागत
कांग्रेस के पदाधिकारी जावेद फारुकी और प्रवक्ता इकबाल अहमद सिद्दीकी ने चोरघे की उम्मीदवारी का स्वागत किया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस की महासचिव रानी अग्रवाल ने कहा कि पार्टी जो निर्णय लेगी, उसका पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर के कुछ कांग्रेसी पाटील का टिकट कटवाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगा रहे थे। अब चोरघे को टिकट मिलने पर वही घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
Comment List