पिछले 7 वर्षों से बिना डेवलपमेंट प्लान के ही किया जा रहा है मीरा-भायन्दर शहर का विकास
For the last 7 years, Mira-Bhayander city is being developed without any development plan
मीरा-भायन्दर शहर का विकास पिछले 7 वर्षों से बिना डेवलपमेंट प्लान (विकास नक्शा) के ही किया जा रहा है। दरअसल 2017 में ही शहर के विकास योजना प्रारूप (डीपी) की अवधि समाप्त हो चुकी है। करीब 6 साल के लंबे इंतजार के बाद शहर के संशोधित नए डेवलपमेंट प्लान को महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगर रचना अधिनियम 1966 की कलम 28 (4) के अनुसार 28 अक्टूबर 2022 में आम नागरिकों के अवलोकनार्थ प्रकाशित किया गया था।
मुंबई : मीरा-भायन्दर शहर का विकास पिछले 7 वर्षों से बिना डेवलपमेंट प्लान (विकास नक्शा) के ही किया जा रहा है। दरअसल 2017 में ही शहर के विकास योजना प्रारूप (डीपी) की अवधि समाप्त हो चुकी है। करीब 6 साल के लंबे इंतजार के बाद शहर के संशोधित नए डेवलपमेंट प्लान को महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगर रचना अधिनियम 1966 की कलम 28 (4) के अनुसार 28 अक्टूबर 2022 में आम नागरिकों के अवलोकनार्थ प्रकाशित किया गया था। इसे ठाणे नगर रचना व मूल्यांकन विभाग के सहायक संचालक किशोर पाटिल द्वारा तैयार किया गया था।
इस विकास योजना प्रारूप में कई त्रुटियां सामने आने के बाद इसे रद्द करने की मांग विधायक प्रताप सरनाईक, गीता जैन व पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता ने की थी। वहीं मनपा प्रशासन सहित पूर्व विधायक मुजफ्फर हुसैन तथा गिल्बर्ट मेंडोसा ने भी इस विकास योजना प्रारूप में कई सुधार करने के सुझाव दिए थे। इसके अलावा शहर के अन्य नागरिकों द्वारा भी करीब 5100 आपत्तियां और सुझाव दर्ज कराए गए थे।
इन आपत्तियों पर सुनवाई के लिए चार सदस्यों की एक समिति बनाई गई थी। इस समिति की रिपोर्ट 22 फरवरी 2023 तक नियोजन समिति के पास पेश करने के लिए कहा गया था, लेकिन डीपी तैयार नहीं होने की वजह से इसकी अवधि अब तक 3 बार बढ़ाई जा चुकी है। इसके बाद संशोधित विकास योजना प्रारूप को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा गया था।
नई DP मे भी देरी की संभावना
संशोधित डेवलपमेंट प्लान के त्रुटिपूर्ण होने का मुद्दा विधायक प्रताप सरनाईक ने नागपुर में शीतकालीन सत्र के दौरान दिसंबर 2023 में सदन में उठाया था और उनकी मांग पर बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान सरनाईक ने शहर की बढ़ती जनसंख्या और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपने मत व्यक्त किए थे। हालांकि इस पर मंत्री उदय सामंत ने बताया था की डीपी के मुद्दे पर दिए गए सभी सुझाव राज्य सरकार ने मान्य कर लिए हैं। इसके बावजूद करीब 10 माह बीत जाने के बाद भी शहर को अभी तक नई डीपी नहीं मिल सकी है। नई डीपी मंजूर करने के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं होने से इसमें विलंब होने की आशंका जताई जा रही है।
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