महाराष्ट्र के अकोला में बारिश से सैकड़ों हेक्टेयर में लगी सोयाबीन की फसल बर्बाद... किसानों ने की मुआवजे की मांग
Hundreds of hectares of soybean crop was destroyed due to rain in Akola, Maharashtra... Farmers demanded compensation
महाराष्ट्र के अकोला में जून की शुरुआत में कई जगह बुवाई के समय अच्छी बारिश हुई. इससे किसानों ने तेजी से सोयाबीन और अरहर की बुवाई की. लेकिन शुरुआती दौर की बारिश के बाद पूरे जून महीने में बारिश नहीं हुई. वहीं, जुलाई महीने में बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी. ऐसे में बारिश का पानी अपने साथ खड़ी फसल को भी बहा ले गई. कुछ ऐसा ही हाल अकोला के नजदीक स्थित लोनी गांव का है. इस गांव के खेतों में बारिश से जलभराव हो गया है. ऐसे में गांव के किसान रतन खेलकर अपने खेत में रुके पानी को निकालने का जुगाड़ कर रहे हैं.
अकोला : जिले में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. इससे सैकड़ों हेक्टेयर में लगी फसलों को नुकसान पहुंचा है. कहा जा रहा है कि खेतों में जलभराव होने से सबसे ज्यादा बर्बादी सोयाबीन और अरहर की फसल की हुई है. इससे किसान काफी चिंतित हैं. उन्होंने राज्य सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि अगर सरकार मुआवजा नहीं देती है, तो उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.
किसानों ने कहा कि जिले में अब तक 45 फीसदी रकबे में दालों की बुवाई की गई थी. उन्हें उम्मीद थी कि इस बार अच्छी पैदावार होगी. लेकिन बीते दिनों बारिश न होने से सूखे की वजह से फसल चौपट हो गई. वहीं, अब बची-खुची फसल को बारिश न बर्बाद कर दिया. ऐसे में किसान सरकार और शासन से आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं.
महाराष्ट्र के अकोला में जून की शुरुआत में कई जगह बुवाई के समय अच्छी बारिश हुई. इससे किसानों ने तेजी से सोयाबीन और अरहर की बुवाई की. लेकिन शुरुआती दौर की बारिश के बाद पूरे जून महीने में बारिश नहीं हुई. वहीं, जुलाई महीने में बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी. ऐसे में बारिश का पानी अपने साथ खड़ी फसल को भी बहा ले गई. कुछ ऐसा ही हाल अकोला के नजदीक स्थित लोनी गांव का है. इस गांव के खेतों में बारिश से जलभराव हो गया है. ऐसे में गांव के किसान रतन खेलकर अपने खेत में रुके पानी को निकालने का जुगाड़ कर रहे हैं.
इन्होंने 4 एकड़ में सोयाबीन की बुवाई की थी. फसल भी उग आई थी, लेकिन पिछले 24 घंटे हुई मूसलाधार बारिश ने फसल पर कहर बरपाया है. लगातार बारिश होने से जिले के सभी नदी- नाले उफान पर हैं. किसान रतन का कहना है कि बारिश से सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है. अब उन्होंने सरकार और प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है.
खास बात यह है कि ऐसा नुकसान अकोला जिले के सभी तहसीलों में हुआ है. अब प्रशासन द्वारा सभी तलाठी मंडल अधिकारी को खेतों के सर्वेक्षण करने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन मौसम विभाग ने 11 तारीख तक अकोला जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, जलभराव के कारण खेतों का सर्वेक्षण करना संभव नहीं हो पा रहा है. फिर भी किसानों की उम्मीद है कि उन्हें सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी.
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि बुलढाना जिले में पिछले 15 घंटों से हो रही बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. खेत से लेकर सड़कों पर तक बारिश का पानी भर गया है. इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है. वहीं, इंसान से लेकर मवेशियों तक घरों में कैद हो गए हैं. कई गांवो में तो घरों तक में पानी घुसने शुरू हो गए हैं. इससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. जिले के खामगांव तहसील के पिंपरी गवली गांव में बारिश का सबसे ज्यादा विकराल रूप देखने को मिला है. इस गांव में इतनी अधिक बारिश हुई है, गांव में बाढ़ आ गई है.
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