Manoj Jarange
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मराठा समुदाय को बचाने के लिए लिया ये निर्णय... महाराष्ट्र चुनाव से यू-टर्न पर मनोज जरांगे ने दी सफाई

मराठा समुदाय को बचाने के लिए लिया ये निर्णय...  महाराष्ट्र चुनाव से यू-टर्न पर मनोज जरांगे ने दी सफाई आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को दावा किया कि वे महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकते हैं। चुनाव से दूर रहने का फैसला लेकर मराठा आरक्षण की लड़ाई को जीवित रखा है। जरांगे ने कहा कि अगर वे चुनावी मैदान में उतरते, तो मराठा समुदाय बंट सकता था। जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय पहले ही निशाने पर है। उन्होंने कहा कि ‘‘अगर हम चुनाव लड़ते, तो समुदाय में विभाजन पैदा हो सकता था।”
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महाराष्ट्र में 15 जातियों को ओबीसी की सूची के लिए अनुशंसित... मनोज जरांगे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की 

महाराष्ट्र में 15 जातियों को ओबीसी की सूची के लिए अनुशंसित...  मनोज जरांगे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की  मराठा आरक्षण आंदोलनकारी मनोज जारांगे पाटिल के नेतृत्व में बीड के श्रीक्षेत्र नाग नारायण गढ़ा में होने वाली दशहरा सभा की तैयारियां युद्ध स्तर पर हैं. किले की 500 एकड़ जमीन पर आमसभा होगी. दशहरा मैदान के लिए मंच निर्माण और तैयारियां अंतिम चरण में हैं. दशहरा मैदान पर जगह-जगह भगवा झंडे फहराए गए हैं. पार्किंग की भी व्यवस्था की गयी है. इस बीच, नारायण गढ़ के महंत शिवाजी महाराज ने जानकारी दी है कि दशहरा सभा के दिन मनोज जारांगे पाटिल प्रतिज्ञा लेंगे कि वह अब से अनशन नहीं करेंगे.
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तो सत्ता में बैठे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा -  मनोज जरांगे

तो सत्ता में बैठे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा -  मनोज जरांगे मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले उनके समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण नहीं दिया गया, तो सत्ता में बैठे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों से भी आग्रह किया कि वे मराठा समुदाय के साथ राजनीति न करें और इसके बजाय उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में "सही समावेश" देने पर ध्यान केंद्रित करें।
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16 सितंबर से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू - मनोज जरांगे

16 सितंबर से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू - मनोज जरांगे जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे ने कहा, "17 सितंबर मुक्ति संग्राम दिवस (मराठवाड़ा मुक्ति दिवस) है। उसी दिन, (हम) उन्हीं मांगों (आरक्षण के लिए) के साथ अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे... 16 सितंबर की मध्यरात्रि से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे।" उन्होंने पूछा, "17 सितंबर (मराठवाड़ा के लिए) मुक्ति दिवस है।
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