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बॉम्बे हाई कोर्ट ने MMRDA को फटकारा... मुंबई मेट्रो के लिए ली 92 साल के बुजुर्ग की जमीन, नहीं दिया मुआवजा

बॉम्बे हाई कोर्ट ने MMRDA को फटकारा... मुंबई मेट्रो के लिए ली 92 साल के बुजुर्ग की जमीन, नहीं दिया मुआवजा एमएमआरडीए की एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी) की निष्क्रियता से परेशान बुजुर्ग और अन्य लोगों ने कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले में एमएमआरडीए के अधिकारियों की असंवेदनशीलता के लिए कोर्ट ने कमिश्नर संजय मुखर्जी को तलब किया था। कोर्ट के आदेश के तहत कमिश्नर मुखर्जी 3 अक्टूबर को जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस सोमशेखर सुंदरेशन की बेंच के सामने उपस्थित हुए थे।
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ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड का 250 करोड़ रुपए बढ़ा खर्च... लोगों ने मुआवजा लेने में जताई असमर्थता

ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड का 250 करोड़ रुपए बढ़ा खर्च...  लोगों ने मुआवजा लेने में जताई असमर्थता वर्तमान में जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड से मुलुंड ठाणे तक यात्रा करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है। इस परियोजना के पूरा होने पर पश्चिम उपनगर में गोरेगांव में वे स्टर्न एक्सप्रेसवे और मुलुंड में ईस्टर्न एक्सप्रेसवे एक नजदीकी मार्ग से जुड़ जाएगा। इस लिंक रोड के बनने से पंद्रह से बीस मिनट में पार करना संभव होगा। सुरंग बनने से इस दूरी का सफर पांच से दस मिनट में सफर हो जाएगा।
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वसई में मुख्य विक्रेता को 3 लाख रुपये का मुआवजा... राज्य मानवाधिकार आयोग का आदेश

वसई में मुख्य विक्रेता को 3 लाख रुपये का मुआवजा...  राज्य मानवाधिकार आयोग का आदेश वसई में चाबी विक्रेता की पिटाई के मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में आयोग ने पुलिस कमिश्नर को चाबी बेचने वाले को 3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. आयोग ने पुलिस की दबंगई पर भी सख्त कदम उठाया है और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
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महाराष्ट्र के अकोला में बारिश से सैकड़ों हेक्टेयर में लगी सोयाबीन की फसल बर्बाद... किसानों ने की मुआवजे की मांग

महाराष्ट्र के अकोला में बारिश से सैकड़ों हेक्टेयर में लगी सोयाबीन की फसल बर्बाद...  किसानों ने की मुआवजे की मांग महाराष्ट्र के अकोला में जून की शुरुआत में कई जगह बुवाई के समय अच्छी बारिश हुई. इससे किसानों ने तेजी से सोयाबीन और अरहर की बुवाई की. लेकिन शुरुआती दौर की बारिश के बाद पूरे जून महीने में बारिश नहीं हुई. वहीं, जुलाई महीने में बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी. ऐसे में बारिश का पानी अपने साथ खड़ी फसल को भी बहा ले गई. कुछ ऐसा ही हाल अकोला के नजदीक स्थित लोनी गांव का है. इस गांव के खेतों में बारिश से जलभराव हो गया है. ऐसे में गांव के किसान रतन खेलकर अपने  खेत में रुके पानी को निकालने का जुगाड़ कर रहे हैं.
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