…छह साल में कोई मिलने नहीं आया! – इंद्राणी मुखर्जी
Rokthok Lekhani
मुंबई : बहुचर्चित शीना बोरा मर्डर केस में मुख्य आरोपी रहीं इंद्राणी मुखर्जी के मामले में ये बिल्कुल सही साबित हुआ है। हिंदुस्थान के सबसे सनसनीखेज व पेचीदा हत्याकांड में एक माने जानेवाले इस मामले में आरोपी इंद्राणी करीब ७ साल तक जेल में रहने के बाद हाल ही में जमानत पर रिहा हुई हैं। हालांकि इंद्राणी पर अपनी ही बेटी की जिस तरह से बेरहमी से हत्या का आरोप लगा है, उसके बाद किसी को उससे सहानुभूति तो नहीं हो सकती है लेकिन पूर्व मीडिया कार्यकारी इंद्राणी सलाखों के पीछे की अपनी कहानी बताकर लोगों की हमदर्दी पाने की कोशिश जरूर कर रही हैं।
इंद्राणी ने मीडिया से कहा है कि ‘६ साल तक जेल में रहने के दौरान उनके किसी अपने ने कभी उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की। जेल में कोई उनसे मिलने नहीं आया। अब जेल से रिहा होने के बाद उन्हें बेड पर सोना बड़ा ही अजीब लगता है क्योंकि ६ साल तक जेल में रहने के दौरान उन्हें जमीन पर सोने की ‘लत’ लग चुकी है। अपनी ही बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल गईं इंद्राणी मुखर्जी ने जमानत मिलने के बाद हाल ही में दिए गए अपने पहले साक्षात्कार में खुद को बेगुनाह बताया।
इंद्राणी ने दावा किया है कि ‘मुझे बड़े मीडिया ट्रायल से गुजरना पड़ा, जो बहुत आहत करने वाला था। सबने पहले ही तय कर लिया था कि मैं दोषी हूं।’ जेल जाने के कुछ ही महीनों बाद मैंने अपने माता-पिता को खो दिया। मैं पहले कुछ महीने जेल में इंतजार करती थी कि कोई मेरे परिवार से मिलने आए। मैं पीटर का इंतजार करती थी। मैंने ये देखा कि ज्यादातर मामलों में परिवार महिलाओं को त्याग देता है। लेकिन पुरुष आरोपियों को परिवार नहीं त्यागता। मुझे मेरे परिवार ने त्याग दिया था।
शीना बोरा हत्याकांड में गिरफ्तारी के लगभग ७ साल बाद जमानत पर रिहा हुई पूर्व मीडिया कार्यकारी इंद्राणी मुखर्जी ने पति पीटर को तलाक (२०१७ में) देने पर कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि पीटर उनका साथ देंगे। उन्होंने कहा, ‘यदि मेरी जगह पीटर पहले अरेस्ट हुए होते, तो मैं उनका साथ देती।’ बकौल इंद्राणी, उन्होंने इसी वजह से तलाक की अर्जी दी थी। इंटरव्यू के दौरान इंद्राणी के साथ मौजूद उनकी वकील सना ने दावा किया कि अब तक मिले सारे सबूत इंद्राणी के पक्ष में जाते हैं।
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