बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया और पुत्र नील सोमैया को राहत... इस मामले में मिली क्लीन चिट
Relief to BJP leader and former MP Kirit Somaiya and son Neil Somaiya… got clean chit in this case

बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया और उनके पुत्र और पूर्व नगरसेवक नील सोमैया को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आईएनएस विक्रांत को बचाने की मुहिम के लिए एकत्रित किए गए करोड़ों रुपए की कथित हेराफेरी के मामले में क्लीन चिट दे दी है।
मुंबई : बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया और उनके पुत्र और पूर्व नगरसेवक नील सोमैया को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने आईएनएस विक्रांत को बचाने की मुहिम के लिए एकत्रित किए गए करोड़ों रुपए की कथित हेराफेरी के मामले में क्लीन चिट दे दी है।
इस मामले में 40 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए गए थे। जांच एजेंसी ने एस्प्लेनेड कोर्ट के समक्ष सी समरी रिपोर्ट दाखिल की, जिसका अर्थ है कि तथ्यों की गलती के कारण अपराध दर्ज किया गया और गबन के मामले में पिता-पुत्र के खिलाफ उन्हें कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
जांच के दौरान किरीट सोमैया ने पुलिस को बताया कि वह अपने समर्थकों के साथ राजभवन में तत्कालीन राज्यपाल से मिलने गए थे। किरीट ने जांचकर्ताओं को बताया कि जो पैसा (लगभग 11,000 रुपए) एकत्र किया गया था, उसे तत्कालीन गवर्नर को सौंप दिया गया था।
एक पुलिस सूत्र ने बताया कि 57 करोड़ रुपए का मामला मीडिया की खबरों पर आधारित था। हालांकि, पुलिस को ऐसा कोई गवाह नहीं मिला, जो 57 करोड़ रुपए की वसूली की पुष्टि कर सकें। वहीं तत्कालीन राज्यपाल का निधन हो चुका है।
भारतीय नौसेना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को खत्म करने के बजाय उसकी मरम्मत कर उसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव दिया गया था। किरीट सोमैया पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए उन्होंने अपने बेटे नील सोमैया के साथ मिलकर मुंबई में लोगों से फंड जुटाया था।
आरोप के मुताबिक, उन्होंने राशि को महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में जमा करने के बजाय, धन का दुरुपयोग किया। पूर्व सैनिक बबन भोसले ने 7 अप्रैल 2022 को शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया है कि सोमैया पिता-पुत्र ने इस कोष का गबन किया है।
तदनुसार ट्रॉम्बे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 429, 406 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था, घन अधिक होने की वजह यह मामला ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था।
इस मामले में सोमैया के पिता और पुत्र ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए बॉम्बे सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे सेशंस कोर्ट द्वारा दोनों की गिरफ्तारी से पहले की जमानत अर्जी खारिज करने के बाद, उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की थी, जहां से उन्हें राहत मिली थी।
Today's E Newspaper
Related Posts
Post Comment
Latest News
.jpg)
Comment List