BMC अब लोगो को वार्ड से उपलब्ध कराएगी...नहीं करना पड़ेगा दुर्घटना के बाद इंतजार
BMC will now make people available from the ward...will not have to wait after the accident
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दुर्घटना होने पर लोगो को तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास मुंबई मनपा कर रही है। मनपा प्रशासन ने वार्ड में एक डिजास्टर का कंट्रोल रूम बनाने का निर्णय लिया है। BMC ने लोगो को तत्काल सुविधा उपलब्ध करने के लिए वार्ड में एक दमकल की गाड़ी भी खड़ी करने का निणर्य लिया है। जिससे लोगो को तत्काल सुविधा मुहैया कराया जा सके।
मुंबई : दुर्घटना होने पर लोगो को तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास मुंबई मनपा कर रही है। मनपा प्रशासन ने वार्ड में एक डिजास्टर का कंट्रोल रूम बनाने का निर्णय लिया है। BMC ने लोगो को तत्काल सुविधा उपलब्ध करने के लिए वार्ड में एक दमकल की गाड़ी भी खड़ी करने का निणर्य लिया है। जिससे लोगो को तत्काल सुविधा मुहैया कराया जा सके।
उल्लेखनीय है कि आग लगने, इमारत गिरने या किसी आपात स्थिति के समय लोग मनपा के डिजास्टर कंट्रोल रूम नंबर 1916 पर फोन करते हैं या कभी-कभी पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करते हैं। फिर वहां से फायर ब्रिगेड व एनडीआरएफ से समन्वय कर घटनास्थल पर मदद के लिए टीम भेजी जाती है, इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता है।
फंसे लोगों और घायलों को काफी कम समय में मदद मिले, बचाव एवं राहत कार्य जल्द से जल्द शुरू इसके लिए मनपा ने मुंबई के सभी 24 वार्डों में डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट स्थापित करने का फैसला किया है। डिजास्टर डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि सभी 24 वार्डों में डिजास्टर डिपार्टमेंट स्थापित करने की संकल्पना कोरोना संकट के दौरान मदद के लिए बनाए गए वार्ड वार रूम की सफलता से आया है।
वार्ड वार रूम के जरिए हजारों कोरोना मरीजों की जान बचाने में मनपा सफल रही थी। मनपा को उम्मीद है कि सभी वार्डों में डिजास्टर मैनेजमेंट होने से बड़े पैमाने पर जान-माल के नुकसान को टाला जा सकेगा। अधिकारी ने बताया कि इसका मकसद दुर्घटना या आपातकाल के समय मदद पहुंचाने वाली एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और तत्काल मदद पहुंचाना है।
है , मैन पावर की व्यवस्था की जा रही है। मनपा आयुक्त से मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अधिकारी ने बताया कि मनपा मुख्यालय में स्थित डिजास्टर कंट्रोल रूम में सामान्य दिनों में 7000 से 8000 कॉल आते हैं।
जबकि बारिश के दिनों में इस पर 10 से 12 हजार कॉल आते हैं। 1916 हेल्पलाइन की 60 लाइनें होने के बाद भी कॉल वेटिंग पर रहता है। हर वार्ड में डिजास्टर कंट्रोल रूम रहने से लोग आसानी से मदद के लिए कॉल कर सकेंगे। सभी वार्डों के अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर जारी की जाएगी।
किसी भी दुर्घटना होने जैसे आग लगने, इमारत गिरने, गड्ढे, तालाब में या समुद्र में गिरने, किसी के कहीं फंसे होने पर लोगों को तुरंत मदद मिल सकेगी। इसी तरह हाईटाइड आने पर, घर में पानी नहीं आ रहा है, कुत्ते ज्यादा हो गए हैं, ट्रैफिक, लोकल ट्रेन की समस्या , रोड की समस्या, मेनहोल खुला होने, कचरा नहीं उठाया जा रहा है जैसी समस्याओं का आसानी से हल हो सकेगा।
वार्ड में स्थापित कंट्रोल रूम अपने-अपने वार्ड में खतरनाक इमारतों, उसमें रहने वाले लोगों की जानकारी, समुद्र तटों, ट्रांजिट कैंप, मनपा स्कूलों, सामाजिक हॉल सहित अन्य जानकारी रखेगा। आपातकाल में आवश्यकता पड़ने पर इसका वह कैसे इस्तेमाल करेगा इसकी योजना अपने पास रखेगा।
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