ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति 'सामुदायिक नायकों' के लिए राज्याभिषेक लंच की करेंगे मेजबानी...
UK PM Rishi Sunak and Akshata Murthy to host coronation luncheon for 'community heroes'
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ऋषि सुनक ने ताजपोशी कार्यक्रम के दौरान उस वक्त इतिहास रचा जब उन्होंने मेजबान सरकार के प्रमुख के रूप में 'कुलुस्सियों की बाइबिल' पुस्तक का संदेश पढ़ा। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति ने ब्रिटेन के ध्वज को एबी ले जाने के दौरान ध्वजवाहकों के एक दल का नेतृत्व किया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति महाराजा चार्ल्स तृतीय और रानी कैमिला की ताजपोशी का जश्न मनाने के लिए रविवार को 'राज्याभिषेक भोज' की मेजबानी करेंगे। इस भोज में सामुदायिक नायकों को आमंत्रित किया है। बता दें कि राज्याभिषेक भोज का आयोजन रविवार को लंदन की डाउनिंग स्ट्रीट में किया जा रहा है।
इस भोज के लिए भारतीय मूल के सिख इंजीनियर नवजोत साहनी को भी निमंत्रण भेजा गया है, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में पॉइंट्स ऑफ़ लाइट अवॉर्ड जीता था। उनकी पर्यावरण अनुकूल वाशिंग मशीन ने अविकसित देशों या शरणार्थी शिविरों में बिजली से वंचित 1,000 से अधिक परिवारों को लाभान्वित किया है।
बेस्टिमिंस्टर एबी में ताजपोशी का जश्न मनाने के लिए ब्रिटेन और दुनियाभर के देशों में 50,000 से अधिक बिग लंच स्ट्रीट पार्टियों के आयोजन की उम्मीद है। ऋषि सुनक ने कहा कि अपने घरों से भागने के लिए मजबूर यूक्रेन के लोगों और कुछ अविश्वसनीय सामुदायिक नायकों का इस ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाने के लिए हमारे अपने राज्याभिषेक भोज के लिए डाउनिंग स्ट्रीट में स्वागत करते हुए मुझे गर्व हो रहा है।
ऋषि सुनक ने शनिवार को ताजपोशी कार्यक्रम के दौरान उस वक्त इतिहास रचा जब उन्होंने मेजबान सरकार के प्रमुख के रूप में 'कुलुस्सियों की बाइबिल' पुस्तक का संदेश पढ़ा। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति ने ब्रिटेन के ध्वज को एबी ले जाने के दौरान ध्वजवाहकों के एक दल का नेतृत्व किया।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में महाराजा चार्ल्स तृतीय की बीते दिनों पूरी परंपरा और भव्यता के साथ ताजपोशी हुई।इससे पहले 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक हुआ था। जब महाराजा चार्ल्स तृतीय को ताज पहनाया जा रहा था उस वक्त 'गॉड सेव किंग चार्ल्स' के जमकर नारे लगे थे। इस कार्यक्रम के दो हजार से ज्यादा लोग गवाह बने थे।
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