मां का दूध है जरूरी... कहकर मुंबई कोर्ट ने दी महिला को18 महीने के बच्चे की कस्टडी

Saying mother's milk is necessary... Mumbai court gives custody of 18-month-old child to woman

मां का दूध है जरूरी...  कहकर मुंबई कोर्ट ने दी महिला को18 महीने के बच्चे की कस्टडी

कोर्ट ने 37 वर्षीय पिता को बच्चे की कस्टडी देने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टियों का बच्चा एक साल और छह महीने का है और उसे स्तनपान की बिल्कुल जरूरत है. न्यायाधीश श्रीकांत वाई भोसले ने कहा कि बच्चा पिछले एक साल से पति की कस्टडी में है और उसे मां का दूध नहीं मिल पा रहा है , जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सबसे जरूरी है. जिस वजह से बच्चे का मां के साथ रहना सही है.

मुंबई : मुंबई के सेशन कोर्ट ने महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. जिसमें सेशन कोर्ट ने एक 18 महीने के बच्चे को उसकी मां की कस्टडी में देने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा है. कोर्ट के फैसले में कहा गया कि बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मां का दूध सबसे महत्वपूर्ण है. यह फैसला सेशन कोर्ट के न्यायाधीश श्रीकांत वाई भोसले ने सुनाया है.

कोर्ट ने 37 वर्षीय पिता को बच्चे की कस्टडी देने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टियों का बच्चा एक साल और छह महीने का है और उसे स्तनपान की बिल्कुल जरूरत है. न्यायाधीश श्रीकांत वाई भोसले ने कहा कि बच्चा पिछले एक साल से पति की कस्टडी में है और उसे मां का दूध नहीं मिल पा रहा है , जो उसके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सबसे जरूरी है. जिस वजह से बच्चे का मां के साथ रहना सही है.

जानकारी के मुताबिक बच्चे के माता-पिता की 2020 में अरेंज मैरिज हुई थी. जिसके बाद महिला ने 2022 में मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज की थी. महिला ने नवंबर 2021 में एक बेटे को जन्म दिया था. उसने आरोप लगाया कि उसका पति और उसके रिश्तेदार उसे प्रताड़ित करते थे. उसने कहा कि 8 मार्च 2022 को उसे घर से निकाल दिया गया था. महिला ने मजिस्ट्रेट अदालत में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद दोनों पक्षों में बात हुई और महिला ससुराल लौट गई. हालांकि, उसे एक बार फिर से घर के बाहर कर दिया गया था. इसके बाद महिला ने उसके बच्चे की कस्टडी के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत का दरवाजा खटखटाया. जिसमें महिला को बच्चे की कस्टडी दे दी गई. मजिस्ट्रेट अदालत के 31 मार्च के आदेश से असंतुष्ट पिता ने सेशन कोर्ट का रुख किया था.

पति ने सत्र अदालत को बताया कि उसकी पत्नी के पास आर्थिक स्थिरता नहीं है और वह नौकरी की तलाश कर रही है. उनके वकील ने कहा, "ऐसी परिस्थितियों में, बच्चे की कस्टडी पत्नी को सौंपना उचित नहीं है." वकील ने यह भी कहा कि जब बच्चा आठ महीने का था तब पत्नी ने अपना ससुराल छोड़ दिया और तब से पति और उसके माता-पिता बच्चे की देखभाल कर रहे थे. पत्नी ने इसपर आरोप लगाया कि उसे परेशान किया गया और घरेलू हिंसा का शिकार बनाया गया और उसे घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.

Read More मुंबई : सीबीआई के अधिकारी बनकर 58 लाख रुपए की धोखाधड़ी 

Post Comment

Comment List

Advertisement

Sabri Human Welfare Foundation

Join Us on Social Media

Latest News

बुलढाणा : शराब तस्कर ने पुलिस कांस्टेबल की बाइक को लात मार दी; पुलिस कॉन्स्टेबल भागवत गिरी की गिरने से मौत  बुलढाणा : शराब तस्कर ने पुलिस कांस्टेबल की बाइक को लात मार दी; पुलिस कॉन्स्टेबल भागवत गिरी की गिरने से मौत 
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में रविवार को भाग रहे एक शराब तस्कर ने पुलिस कांस्टेबल की बाइक को लात मार...
मुंबई को पानी की आपूर्ति करनेवाली सात झीलों में  ३८ प्रतिशत पानी;  सप्लाई में कटौती का विचार 
मुंबई  :हाउसिंग सोसाइटी में आग लगने से सुरक्षा गार्ड की मौत हो
मुंबई: मोबाइल फोन पर क्रिकेट मैच देखने वाले मुंबई-पुणे बस चालक बर्खास्त 
मुंबई क्रिकेट संघ ने की पूर्व क्रिकेटरों और अंपायरों की मासिक पेंशन में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी 
बोरीवली में हिट एंड रन; पुलिस द्वारा टेंपो चालक की तलाश
गडचिरोली जिले में बाघ के हमलों में मारे गए परिवारों को विशेष नुकसान भरपाई - मुख्यमंत्री फडणवीस 

Advertisement

Sabri Human Welfare Foundation

Join Us on Social Media