संजय राउत ने की मांग, सरकार हमेशा आश्वाशन देती है... संविधान में संशोधन कर दिया जाए आरक्षण !
Sanjay Raut demanded, the government always gives assurance... Reservation should be amended in the Constitution!
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जरांगे ने कहा, ‘‘'मैंने अपना अनशन समाप्त किया है, लेकिन मराठा आरक्षण आंदोलन जारी है. क्रमिक अनशन भी जारी रहेगा.’’ जरांगे ने सरकार से 24 दिसंबर तक निर्णय लेने को कहा. इस मौके पर उपस्थित मंत्रियों ने उनसे इस समयसीमा दो जनवरी तक बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने. बम्बई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों न्यायूमूर्ति सुनील शुकरे, न्यायमूर्ति एम जी गायकवाड़ और कुछ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी जरांगे से मुलाकात की.
महाराष्ट्र : मनोज जरांगे पाटिल को केवल आश्वासन दिया गया है. संविधान में संशोधन कर मराठा को आरक्षण दिया जाये. देखिये सरकार हमेशा आश्वाशन देती है. अन्ना आंदोलन के समय भी केवल सरकार आश्वाशन देती थी. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण को लेकर नौ दिन से जारी अपना अनिश्चितकालीन अनशन गुरूवार को समाप्त कर दिया है, लेकिन समुदाय को आरक्षण का लाभ देने पर दो महीने में कोई कदम नहीं उठाये जाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
जरांगे ने कहा कि यदि दो महीने के भीतर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो वह मुंबई तक एक विशाल मार्च का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘तब मुंबई के लोगों को सब्जियां तक नहीं मिल सकेंगी.’’ जरांगे ने जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव स्थित अपने अनशन स्थल पर यह घोषणा तब की जब राज्य के चार मंत्रियों ने उनसे मुलाकात कर अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया. बाद में मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अनशन समाप्त करने के लिए जरांगे को धन्यवाद दिया.
जरांगे ने कहा, ‘‘'मैंने अपना अनशन समाप्त किया है, लेकिन मराठा आरक्षण आंदोलन जारी है. क्रमिक अनशन भी जारी रहेगा.’’ जरांगे ने सरकार से 24 दिसंबर तक निर्णय लेने को कहा. इस मौके पर उपस्थित मंत्रियों ने उनसे इस समयसीमा दो जनवरी तक बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने. बम्बई उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों न्यायूमूर्ति सुनील शुकरे, न्यायमूर्ति एम जी गायकवाड़ और कुछ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी जरांगे से मुलाकात की.
जरांगे ने पूरे महाराष्ट्र में मराठों के लिए आरक्षण की अपनी मांग दोहरायी. जरांगे ने ‘‘फुलप्रूफ आरक्षण’’ की मांग की और राज्य सरकार से उन्हें इसका आश्वासन देने को कहा. मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधिमंडल में राज्य में सत्तारूढ़ तीनों दलों- शिवसेना, बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के मंत्री शामिल थे. इनमें उदय सामंत, संदीपन भुमरे, धनंजय मुंडे और अतुल सावे शामिल थे. जरांगे ने कहा कि जब तक सभी मराठों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता, तब तक वह अपने घर में प्रवेश नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी मांग की कि मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने के लिए एक तारीख तय की जाए.
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