महाराष्ट्र के सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी के मामलों में आई भारी कमी ... घूस लेने के मामलों में 17% कमी
There has been a huge reduction in the cases of bribery in the government departments of Maharashtra... 17% reduction in the cases of taking bribe.

एसीबी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी के मामले साल दर साल बढ़ती ही जा रही थी, लेकिन इस साल की पहली तिमाही में घूस लेने के मामलों में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के जनवरी से मार्च की अवधि की तुलना में 2024 के जनवरी से मार्च के बीच यानी इन तीन महीनों में रिश्वत लेने के मामलों में 17% की कमी आई है।
मुंबई: दो दिन पहले ही कंगन खरीदने के मामले में एक जौहरी से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में आजाद मैदान पुलिस से जुड़े एक उप-निरीक्षक और दो कांस्टेबलों को विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। आरोपियों से पूछा गया है कि सजा के तौर पर उनकी दो साल की वेतन वृद्धि क्यों न रोक दी जाए।
सूत्र बताते हैं कि विभागीय कार्रवाई तभी संभव है, जब इन आरोपी पुलिसकर्मियों की ओर से विभाग को कोई ठोस जवाब मिले। विभाग भले ही कार्रवाई देर-सवेर करे, लेकिन आम लोगों की धारणा अभी भी वही है कि सरकारी विभागों में काम तभी हो पाएगा, जब उन्हें कथित तौर पर 'खुश' कर पाएंगे। हालांकि, महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की हालिया तिमाही रिपोर्ट का विश्लेषण करें, तो कह सकते हैं कि शायद अब वह दिन लदते हुए दिखाई दे रहे हैं, जब लोग कहा करते थे कि काम में तब दिखेगा दम, जब जेब करोगे गरम।
एसीबी रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी के मामले साल दर साल बढ़ती ही जा रही थी, लेकिन इस साल की पहली तिमाही में घूस लेने के मामलों में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के जनवरी से मार्च की अवधि की तुलना में 2024 के जनवरी से मार्च के बीच यानी इन तीन महीनों में रिश्वत लेने के मामलों में 17% की कमी आई है।
2023 में रिश्वत लेने वालों की संख्या जहां 321 थीं। वहीं यह आकंड़ा 2024 में घटकर 269 हो गई है। हालांकि, लोगों द्वारा शिकायतें कम आने के कारण एसीबी ट्रैप कम लगाती है, जिसके चलते आरोपी भी कम पकड़े जाते हैं और ठोस सूबत भी नहीं मिलते हैं, जिसका असर एसीबी के रेकॉर्ड पर पड़ता है।
एसीबी रिपोर्ट बताती है कि रिश्वतखोरी के मामलों में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन अभी भी राजस्व विभाग के बाद पुलिस विभाग का ही नंबर है। यानी, रिश्वत लेने के मामले में पुलिस का स्थान दूसरे नंबर पर है। राजस्व विभाग से 57 मामले जबकि पुलिस विभाग से 32 मामले दर्ज किए गए। जहां तक कार्रवाई की बात है, तो एसीबी रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में जनवरी से मार्च के मध्य 224 ट्रैप एसीबी की विभिन्न यूनिटों ने लगाए थे, जो इस साल इस अवधि में घटकर 186 ट्रैप हो गए। इसका मतलब 2024 के शुरुआती 3 महीने में एसीबी ने 38 ट्रैप कम लगाए थे।
इस साल एसीबी ने ट्रैप ही कम लगाए हैं, इसलिए रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़े जाने वाले आरोपियों की संख्या भी कम हो गई। एसीबी रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में एसीबी ने घूस लेने के मामलों में 321 रिश्वतखोरों को पकड़ा था, जो इस साल की पहली तिमाही में घटकर 269 हो गया। इसका मतलब, 2023 की पहली तिमाही की तुलना में 2024 की पहली तिमाही में 52 घूसखोर कम पकड़े गए।
नासिक डिविजन में लगाए गए 39 ट्रैप में 53 रिश्वतखोर पकड़े गए, जबकि पुणे डिविजन में लगाए गए 37 ट्रैप में 51 आरोपी पकड़े गए थे। छत्रपति संभाजीनगर में 32 ट्रैप में 57, ठाणे में 22 ट्रैप में 31, नागपुर में 17 ट्रैप में 20, अमरावती में 15 ट्रैप में 21, नांदेड़ में 14 ट्रैप में 20 और मुंबई में 10 ट्रैप में 16 आरोपी पकड़े गए। इस हिसाब से देखें तो सबसे निचले स्थान पर मुंबई डिविजन है।
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