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डोंबिवली और कल्याण इलाके में रोजाना 10 लोगों को शिकार बना रहे आवारा कुत्ते...

डोंबिवली और कल्याण इलाके में रोजाना 10 लोगों को शिकार बना रहे आवारा कुत्ते... कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या लगभग 80,000 तक पहुंच गई है। कुत्तों की जनसंख्या पर नि- यंत्रण के लिए की जा रही नसबंदी अभियान की रफ्तार बहुत धीमी है। क्षेत्र में केवल एक नसबंदी केंद्र संचालित हो रहा है, जहां जनवरी से नवंबर तक मात्र 12,406 कुत्तों की नसबंदी की गई है। नागरिकों का कहना है कि नसबंदी अभियान में निरंतरता की कमी के कारण समस्या बढ़ रही है।
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मुंबई शहर के सड़कों की बीएमसी 15.49 लाख लीटर पानी से रोजाना कर रही सफाई

मुंबई शहर के सड़कों की बीएमसी 15.49 लाख लीटर पानी से रोजाना कर रही सफाई ऐतिहासिक रूप से, मुंबई गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, 2009, 2014, 2015, 2020, 2022 और 2023 में 15% से 30% तक की कटौती को सहन करते हुए, स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं की तात्कालिकता पर जोर दिया गया है।दीर्घकालिक जल संकट को दूर करने के लिए, नगर पालिका ने मनोरी में एक अलवणीकरण संयंत्र का निर्माण शुरू किया है, जो अपनी स्थापना के बाद से 16 वर्षों से बंद पड़ा हुआ है।
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... अब रात में ही नहीं दिन में भी बेखौफ चोर कर रहे चोरियां, रोजाना होती हैं 50 घरों में चोरियां

... अब रात में ही नहीं दिन में भी बेखौफ चोर कर रहे चोरियां, रोजाना होती हैं 50 घरों में चोरियां मुंबई पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि महानगर में रात ही नहीं, दिन में भी चोरियां होती हैं। मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जनवरी से मार्च के बीच मुंबई में दिन के वक्त 56 घरों में, जबकि रात को 250 घरों में ताला तोड़कर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। इस दौरान विभिन्न पुलिस स्टेशनों में चोरी के 1466 मामले दर्ज हुए हैं। इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि यहां एक दिन में 50 घरों में सेंधमारी हुई हैं। इसीलिए यह धारणा गलत साबित हो जाती है कि मुंबई में सिर्फ रात में ही चोरियां होती हैं।
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तीन वर्षों में देश में १.१२ लाख दिहाड़ी मजदूरों ने की खुदकुशी...

तीन वर्षों में देश में १.१२ लाख दिहाड़ी मजदूरों ने की खुदकुशी... दिहाड़ी मजदूरों की खुदखुशी का आंकड़ा कोरोना काल के उस दौर का भी है जब देश में लॉकडाउन लगा था और लाखों माइग्रेंट मजदूरों का इस दौरान रोजगार चला गया था। श्रम मंत्री ने बताया कि इस दौरान ६६,९१२ गृहणियों, ५३,६६१ स्व-रोजगार से जुड़े लोगों, ४३,४२० सैलेरीड पर्सन और ४३,३८५ बेरोजगारों ने भी आत्महत्या की है। भूपेंद्र यादव ने बताया कि ३५,९५० छात्रों के अलावा तीन सालों में ३१,८३९ कृषि क्षेत्र में लगे किसानों और कृषि कार्य में लगे मजदूरों ने भी आत्महत्या की है।
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