मराठा समुदाय को बड़ी सौगात... शिक्षा और नौकरियों में 10% आरक्षण का बिल महाराष्ट्र विधानसभा में पास
Big gift to Maratha community...Bill for 10% reservation in education and jobs passed in Maharashtra Assembly
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में यह आरक्षण बिल पेश करते हुए इसे पूर्ण समर्थन के साथ पारित करने की अपील की थी. हालांकि सत्ताधारी गठबंधन के सदन छगन भुजबल सहित कुछ विपक्षी नेता इसके विरोध में उठ खड़े हुए. इसके बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस बिल को सर्वसम्मति से पास करने की अपील की, जिसे विपक्ष के नेता विजय वेडेत्तिवार मान गए. और इसके बाद मराठा आरक्षण का यह बिल ध्वनिमत से निचली सदन से पास हो गया.
मुंबई : महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए 10 आरक्षण का रास्ता लगभग साफ हो गया. राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार मंगलवार दोपहर यह आरक्षण विधेयक पेश किया, जिसे विधानसभा ने पारित कर दिया. अब यह बिल विधान परिषद में रखा जाएगा, जिससे पास होने और फिर राज्यपाल की मुहर के बाद महाराष्ट्र के मराठा समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में यह आरक्षण बिल पेश करते हुए इसे पूर्ण समर्थन के साथ पारित करने की अपील की थी. हालांकि सत्ताधारी गठबंधन के सदन छगन भुजबल सहित कुछ विपक्षी नेता इसके विरोध में उठ खड़े हुए.
इसके बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस बिल को सर्वसम्मति से पास करने की अपील की, जिसे विपक्ष के नेता विजय वेडेत्तिवार मान गए. और इसके बाद मराठा आरक्षण का यह बिल ध्वनिमत से निचली सदन से पास हो गया.
महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (MSBCC) की रिपोर्ट और ड्राफ्ट बिल मंगलवार दोपहर महाराष्ट्र विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में पेश किया गया. इस सत्र का मुख्य एजेंडा मराठा आरक्षण को मंजूरी देना है. रिटायर्ड जज सुनील शुक्रे की अध्यक्षता में MSBCC ने मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच करने वाली अपनी विस्तृत रिपोर्ट शुक्रवार 16 फरवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी थी.
हालांकि मंत्री छगन भुजबल जैसे प्रमुख ओबीसी नेता संशय में हैं. सरकार के लिए बड़ी चुनौती अपने वादों को पूरा करना है- मौजूदा ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा कोटा देना – यह एक मुश्किल काम है, जिसमें विकल्प बहुत कम हैं.
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