कुर्ला स्थित मदर डेयरी की 8.5 हेक्टेयर भूमि पर धारावी के लोगों के पुनर्वास की योजना के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन
Local residents protest against Mother Dairy's plan to rehabilitate Dharavi residents on 8.5 hectares of land in Kurla
धारावी पुनर्विकास योजना के अंतर्गत कुर्ला स्थित मदर डेयरी की 8.5 हेक्टेयर भूमि पर धारावी के लोगों के पुनर्वास की योजना के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार को कुर्ला की मदर डेयरी के पास सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आवाज उठाई. इस प्रदर्शन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता वर्षा गायकवाड भी शामिल हुईं और उन्होंने जनता का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा.
मुंबई : धारावी पुनर्विकास योजना के अंतर्गत कुर्ला स्थित मदर डेयरी की 8.5 हेक्टेयर भूमि पर धारावी के लोगों के पुनर्वास की योजना के खिलाफ स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार को कुर्ला की मदर डेयरी के पास सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे और इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आवाज उठाई. इस प्रदर्शन में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता वर्षा गायकवाड भी शामिल हुईं और उन्होंने जनता का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह भूमि न केवल क्षेत्र के हरे-भरे फेफड़ों की तरह कार्य करती है, बल्कि यहां के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपत्ति भी है.
उनका मानना है कि इस भूमि को धारावी पुनर्विकास के लिए अधिग्रहित करना क्षेत्र की पर्यावरणीय संरचना के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों के अधिकारों का हनन है.
प्रदर्शनकारियों ने सरकार और अडानी ग्रुप पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े उद्योगपतियों के लाभ के लिए आम जनता की जमीन छीनी जा रही है.
कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और इसे लेकर सोशल मीडिया पर सरकार और अडानी ग्रुप पर तीखा हमला बोला. गायकवाड ने अपने बयान में लिखा, "जब भी अडानी सरकार से सवाल किया जाता है, तो वे पुलिस बल के पीछे छिप जाते हैं. आज जब हम मदर डेयरी कुर्ला में अडानी द्वारा भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं, तो एक बार फिर पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी लोगों को उनके अधिकारों के लिए लड़ने से रोकने के लिए भेजी गई है."
गायकवाड ने आगे लिखा, "हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें रोक दिया. यह स्पष्ट है कि सरकार बड़े उद्योगपतियों के पक्ष में खड़ी है और आम जनता की आवाज को दबा रही है. लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे. हम अपने हरे फेफड़ों और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए अंत तक लड़ेंगे."
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