महाराष्ट्र सरकार में उत्तर भारतीयों को मिल सकता है मौका; बीएमसी चुनावों को देखते हुए बीजेपी खेल सकती है उत्तर भारतीयों पर दांव
North Indians may get a chance in Maharashtra government; BJP may bet on North Indians in view of BMC elections
विधानसभा में बीजेपी के तीन और विधान परिषद में एक उत्तर भारतीय विधान परिषद के सदस्य है। इनमें से कौन महायुति सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है इसका समाज बेसब्री से इंतजार कर रहा है। वैसे 1999 से 2014 तक तीन टर्म की कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने एक साथ कई उत्तर भारतीयों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
मुंबई: विधानसभा में बीजेपी के तीन और विधान परिषद में एक उत्तर भारतीय विधान परिषद के सदस्य है। इनमें से कौन महायुति सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है इसका समाज बेसब्री से इंतजार कर रहा है। वैसे 1999 से 2014 तक तीन टर्म की कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने एक साथ कई उत्तर भारतीयों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इनमें जावेद खान, नसीम खान, नवाब मलिक, कृपाशंकर सिंह, बाबा सिद्दीकी जैसे नाम हैं, जिन्हें उस वक्त की कांग्रेस-एनसीपी मंत्रिमंडल में मंत्री पद मिला था। उसी उम्मीद से यह समाज बीजेपी की ओर बड़ी उम्मीद से देख रहा है कि सरकार समाज के साथ कितना न्याय करती है। समाज के लोग यह नहीं भूलते कि शिंदे सरकार में किसी भी उत्तर भारतीय को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था, फिर भी उत्तर भारतीय समाज महायुति के साथ खड़ा रहा।
इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गोरेगांव विधानसभा से विद्या ठाकुर, बोरीवली सीट से संजय उपाध्याय, वसई विधानसभा से स्नेहा दुबे पंडित और कालीना सीट से अमरजीत सिंह को आरपीआई आठवले कोटे से उम्मीदवारी दी। इनमें अमरजीत को छोड़ विद्या ठाकुर, संजय उपाध्याय और स्नेहा दुबे ने जीत हासिल की है। ये तीनों विधानसभा पहुंच गए है। विधान परिषद में राजहंस सिंह पहले से ही सदस्य है। इस तरह से पार्टी के पास 4 उत्तरभारतीय हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है।
गोरेगांव की विधायक विद्या ठाकुर तीसरी बार विधानसभा का चुनाव जीती है। सन 2014-19 की फडणवीस सरकार में विद्या ठाकुर राज्यमंत्री थी, लेकिन वे समाज में वे अपनी उपस्थित नहीं दर्ज करा पाई। वसई विधानसभा से स्नेहा दुबे ने ठाकुर परिवार का दबदबा खत्म किया। वे पहली बार चुनाव जीती है। किस्मत के धनी संजय उपाध्याय पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा की सबसे सुरक्षित सीट बोरीवली से चुनाव लड़ाया। वे एक लाख वोट के बड़े अंतर से जीत कर आए। पार्टी में उनकी अच्छी पकड़ है। वे पहली बार कोई चुनाव जीते है। इससे पहले वे बीएमसी का चुनाव हार गए थे।
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