महाराष्ट्र में विशेष सत्र आज... मराठा समाज को दे सकती है 10-12 फीसदी आरक्षण
Special session in Maharashtra today...can give 10-12 percent reservation to Maratha community
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हिंगोली जिले में लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया गया। नांदेड़-परभणी नैशनल हाईवे को बाधित कर दिया। करीब तीन घंटे तक ट्रैफिक जाम रही। बीड जिले में भी विरोध प्रदर्शन किया गया। मराठा समुदाय के लोगों ने अहमदनगर से अहमदपुर जाने वाली सड़क को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया।
मुंबई: मराठा समाज को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देने के लिए सरकार ने मंगलवार को विधानमंडल का ऐतिहासिक विशेष सत्र बुलाया है। सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण से होगी। एक दिवसीय अधिवेशन के दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट भी सदन में पेश की जाएगी।
सत्र को लेकर उत्साहित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा समाज को टिकाऊ और नियम-कानून के दायरे में रहते हुए आरक्षण का लाभ हमारी सरकार ही देगी। मराठा समाज का यह आरक्षण ओबीसी या फिर दूसरे किसी समुदाय के आरक्षण को प्रभावित किए बिना ही दिया जाएगा।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मराठा आरक्षण को लेकर बुलाए गए इस विशेष अधिवेशन को लेकर कहा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मामला है। इसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं। इसके समाधान के बिना मराठा आरक्षण का मामला आगे नहीं बढ़ेगा। राज ठाकरे ने कहा कि मैंने यह बात पहले ही मनोज जरांगे पाटील के सामने कह दी थी।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश सुनील शुक्रे ने बीते शुक्रवार को मराठा समुदाय के पिछड़ेपन की जांच के लिए राज्य भर में किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सौंपी थी। बताया जा रहा है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने असाधारण परिस्थितियों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने की सिफारिश की है।
इसके अनुसार, मराठा समाज को 10 से 12 प्रतिशत आरक्षण मिल सकता है। विशेष अधिवेशन से पहले राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा। कैबिनेट बैठक विधानभवन में होने की संभावना है।
सोमवार को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर शिवनेरी किले में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फिर दावा किया कि मराठा समाज को दिए जाने वाले आरक्षण से किसी दूसरे समुदाय का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा।
जब उनसे पूछा गया कि ऐसा कैसे संभव है, तो उन्होंने कहा कि यही बताने के लिए तो एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। हम आयोग की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे और मराठा समाज को टिकाऊ और मजबूत आरक्षण भी देंगे। ऐसा आरक्षण देंगे जिसे अगर कोर्ट में चुनौती भी दी गई तो उसका असर हमारे फैसले पर नहीं पड़ेगा।
मराठा आरक्षण को लेकर सरकार की ओर से जारी अध्यादेश को कानून में बदलने की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटील की भूख हड़ताल जारी है। मंगलवार को अनशन का 11वां दिन है। वे अपने गांव अंतरवली सारथी में 10 फरवरी से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सरकारी मेडिकल अधिकारियों की देखरेख में कोर्ट के आदेश पर उनका इलाज किया जा रहा है।
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए जरांगे पाटील कहा था कि विशेष अधिवेशन में मराठा समाज के विधायकों को मराठा आरक्षण के पक्ष में बोलना चाहिए। अगर, उन्होंने मराठा आरक्षण के समर्थन में आवाज नहीं उठाई तो उन्हें मराठा विरोधी समझा जाएगा।
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हिंगोली जिले में लगातार तीसरे दिन विरोध प्रदर्शन किया गया। नांदेड़-परभणी नैशनल हाईवे को बाधित कर दिया। करीब तीन घंटे तक ट्रैफिक जाम रही। बीड जिले में भी विरोध प्रदर्शन किया गया। मराठा समुदाय के लोगों ने अहमदनगर से अहमदपुर जाने वाली सड़क को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया।
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