CM शिंदे का मराठा आरक्षण पर बड़ा बयान, बोले- 'आज आप सभी की जीत...', मान गए मनोज जरांगे, महाराष्ट्र सरकार ने स्वीकार की मांगे
CM Shinde's big statement on Maratha reservation, said - 'Today you all win...', Manoj Jarange agreed, Maharashtra government accepted the demands
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मनोज जारांगे पाटिल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ की और कहा कि सीएम शिंदे ने अच्छा काम किया है। सीएम ने हमारी मांगें मान ली हैं जिसके बाद हमारा विरोध खत्म हो गया है। मनोज जारांगे ने कहा कि सीएम ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया है, हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे। मराठा नेता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के हाथ से जूस पीकर अपना अनशन खत्म करेंगे।
महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चल रहा आर-पार आंदोलन आखिरकार खत्म हो गया है। मनोज जारांगे पाटिल द्वारा महाराष्ट्र सरकार को एक दिन का अल्टीमेटम देने के बाद आखिरकार सरकार को पाटिल की मांगें माननी पड़ीं। जिसके बाद पाटिल का आंदोलन और उनका अनशन ख़त्म हो गया है। आरक्षण नेता मनोज जारांगे पाटिल ने खुद इसकी घोषणा की है।
मनोज जारांगे पाटिल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ की और कहा कि सीएम शिंदे ने अच्छा काम किया है। सीएम ने हमारी मांगें मान ली हैं जिसके बाद हमारा विरोध खत्म हो गया है। मनोज जारांगे ने कहा कि सीएम ने हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया है, हम उनका पत्र स्वीकार करेंगे। मराठा नेता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के हाथ से जूस पीकर अपना अनशन खत्म करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार रात को मनोज जारांगे पाटिल और महाराष्ट्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक, सरकार और मनोज पाटिल के बीच बातचीत सकारात्मक रही, जिसके बाद आरक्षण को लेकर समाधान निकाल लिया गया है।
बताया जा रहा है कि मनोज जारांगे नवी मुंबई में बड़ा ऐलान करेंगे, जिसके मुताबिक मराठा मोर्चा मुंबई तक मार्च नहीं करेगा। मनोज शिवाजी चौक पर हजारों मराठाओं से बात करेंगे और शिवाजी चौक पर ही अपना अनशन तोड़ सकते हैं।
इससे पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि मनोज जारांगे की सभी मांगें मान ली गई हैं। हालांकि इस बारे में मनोज जारांगे पाटिल की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था, लेकिन अब उन्होंने ऐलान किया है कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं और अनशन और प्रदर्शन खत्म हो गया है।
आपको बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में काफी समय से तनाव बना हुआ है। विरोध प्रदर्शन से पहले मनोज जारांगे ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर 24 दिसंबर तक फैसला लेना चाहिए। जारांगे ने कहा था कि तमाम विवादों और आंदोलनों के बावजूद सरकार ने मराठा समाज के पिछड़ेपन के मुद्दे पर कोई सर्वेक्षण कार्य नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि यह सर्वे पूरे राज्य में कराया जाना है। महाराष्ट्र ओबीसी आयोग की बैठक 22 दिसंबर को होने वाली थी। इस बैठक को देखते हुए मनोज जारांगे ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था और ओबीसी कोटे के भीतर मराठा आरक्षण की मांग की थी।
दरअसल, मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल का कहना है कि एक भी मराठा आरक्षण से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने सरकार से मांग की थी कि जो भी फैसला लिया गया है, उसका शासनादेश जारी किया जाए। मनोज जारांगे मराठा समुदाय के लिए ओबीसी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
जारांगे की मांग है कि मराठा समुदाय को फुलप्रूफ आरक्षण मिलना चाहिए। साथ ही उनकी यह भी मांग है कि आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले रद्द करने की तारीख तय की जाए। मनोज जारांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को मराठा समुदाय के लोगों के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के सर्वेक्षण के लिए धन देना चाहिए और इसके लिए कई टीमें बनानी चाहिए।
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण को लेकर पिछले साल सितंबर में महाराष्ट्र में हिंसा भड़क गई थी। उस वक्त भी जारांगे ने आंदोलन किया था। जिसके चलते राज्य की शिंदे सरकार संकट में फंस गई थी। इस मुद्दे पर खूब राजनीति हुई।
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