महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के बेटे-बहू को मुंबई की अदालत ने दी अग्रिम जमानत... फर्जी दस्तावेज का है केस
Mumbai court grants anticipatory bail to former Maharashtra minister Nawab Malik's son-daughter-in-law... Case of fake documents

मुंबई की सत्र अदालत ने फर्जी दस्तावेज मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राकांपा नेता नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक और उनकी फ्रांसीसी बहू लॉरा हेमलिन उर्फ आयशा को राहत दी है. उन्हें वीजा अवधि विस्तार कराने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा कराने के मामले में अग्रिम जमानत दे दी गई. मुंबई के उपनगर स्थित कुर्ला पुलिस थाने में पिछले सप्ताह दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
मुंबई : मुंबई की सत्र अदालत ने फर्जी दस्तावेज मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री राकांपा नेता नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक और उनकी फ्रांसीसी बहू लॉरा हेमलिन उर्फ आयशा को राहत दी है. उन्हें वीजा अवधि विस्तार कराने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा कराने के मामले में अग्रिम जमानत दे दी गई. मुंबई के उपनगर स्थित कुर्ला पुलिस थाने में पिछले सप्ताह दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक और उनकी बहू लॉरा हेमलिन उर्फ आयशा ने फर्जी दस्तावेज मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था. न्यायाधीश एम.जी. देशपांडे ने दंपति की अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया. पुलिस के मुताबिक, फ्रांसीसी नागरिक हेमलिन ने पर्यटन वीजा को दीर्घावधि निवास वीजा में परिवर्तित कराने के लिए दिए गए आवेदन में कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा किए थे. दंपति ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि वे एजेंट द्वारा किए गए फर्जीवाड़ा के शिकार हुए हैं. दंपति ने कहा कि विवाह प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए उन्होंने एजेंट की सेवा ली जो विवाद के केंद्र में है.
दरअसल विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ने जांच के दौरान पाया कि नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक और उनकी दूसरी पत्नी हैमलीन द्वारा जमा कराए गए दस्तावेज फर्जी थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद एफआरआरओ ने इस बारे में यहां कुर्ला पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने प्राथमिक सूचना के आधार पर मंगलवार देर रात फराज मलिक और उनकी पत्नी के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 465 (जालसाजी), धारा 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), धारा 471 (फर्जी दस्तावेज को असली बताकर उसका इस्तेमाल करना) एवं धारा 34 (सामान्य इरादा) समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और गिरफ्तारी से बचने दंपति ने अदालत से अग्रिम जमानत मांगी थी.
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